Home देश-दुनिया समाज में अध्यात्म और मीडिया में भारतबोध जरूरी: प्रो. द्विवेदी

समाज में अध्यात्म और मीडिया में भारतबोध जरूरी: प्रो. द्विवेदी

by Surendra Tripathi

ब्रह्माकुमारीज द्वारा आयोजित पांच दिवसीय राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन का समापन

*आबू रोड/राजस्थान–  “जब हम अध्यात्म से जुड़ते हैं, तो स्वार्थ से दूर हो जाते हैं और ऐसी मूल्य आधारित जीवनशैली हमें मनुष्यता के करीब ले जाती है। लेकिन भारतीय मीडिया पर विदेशी मीडिया के बढ़ते प्रभाव के कारण नकारात्मकता को भी मूल्य माना जा रहा है। मीडिया के भारतीयकरण से ही इसमें सकारात्मक मूल्यों का समावेश होगा और मूल्यनिष्ठ समाज का निर्माण संभव हो पाएगा।” यह विचार *भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी* ने ब्रह्माकुमारीज के मीडिया विंग द्वारा राजस्थान के माउंट आबू में आयोजित पांच दिवसीय राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन के समापन समारोह के अवसर पर व्यक्त किए। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज की एजुकेशन विंग के चेयरमैन *डॉ. बीके मृत्युंजय*, हैदराबाद विंग की नेशनल कोऑर्डिनेटर *बीके सरला आनंद*, एयर इंडिया के पूर्व प्रवक्ता एवं लेखक *जितेंद्र भार्गव*, अभिनेत्री *रीमा सरीन*, प्रसिद्ध स्तंभकार एवं कवि *डॉ. कनुभाई आचार्य* एवं ग्लोबल पीस इनिशिएटिव, माउंट आबू की रीजनल डायरेक्टर *डॉ. बिन्नी सरीन* भी उपस्थित रही।

सम्मेलन के मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि मीडिया का कार्य लोकमंगल है। इसलिए मीडिया का उपयोग लोगों की भलाई के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब फैक्ट और फिक्शन एक ही घाट पर पानी पी रहे हैं, तो मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता की आवश्यकता जरूरी हो जाती है।

प्रो. द्विवेदी के अनुसार अगर हम समाज को अच्छी खबरें देंगे, तो हमारा परिवार और राष्ट्र भी ठीक रहेगा। मीडिया का मूल्यबोध भी वही है, जो समाज का मूल्यबोध है। समाज को भी स्वस्थ, प्रामाणिक और पारदर्शी होने की दरकार है। ऐसा समाज ही मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकता है और विश्व का नेतृत्व कर सकता है। उन्होंने कहा कि एक रुचि होती है और एक सोच होती है। अगर मीडिया लोगों की रुचि के आधार पर चलेगा, तो समाज कभी बेहतर नहीं हो पाएगा। मीडिया को चाहिए कि वो लोगों की सोच बदलने का काम करे।

आईआईएमसी के महानिदेशक ने कहा कि मीडिया का भारतीयकरण और समाज का अध्यात्मिकरण करने की आवश्यकता है। इसी रास्ते पर चलकर ही बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान संभव है। यह रास्ता कठिन जरूर है, लेकिन असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि दुनिया में हर समस्या का समाधान है। समाज के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों और सामाजिक समस्याओं को उजागर करना पत्रकारों का दायित्व है। मीडिया को हर भारतीय के अंदर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का भाव भरना होगा।

*’समाधानपरक पत्रकारिता से समृद्ध भारत की ओर’* विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में भारत और नेपाल से आये 1700 से अधिक प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल मीडिया प्रोफेशनल्स, मीडिया कंसल्टेंट्स, पब्लिक रिलेशन प्रैक्टिशनर्स और मीडिया शिक्षाविदों ने भाग लिया। पांच दिवसीय सम्मेलन के दौरान एक संकल्प पत्र भी पारित किया गया।

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