Home देश-दुनिया भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 11 लाख करोड़ रुपये के पार, निर्यात 3.25 लाख करोड़ रुपये से ऊपर: वैष्णव

भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 11 लाख करोड़ रुपये के पार, निर्यात 3.25 लाख करोड़ रुपये से ऊपर: वैष्णव

by admin

नईदिल्ली(ए)। केंद्रीय आईटी और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामानों का निर्माण पिछले छह सालों में पांच गुना बढ़ गया है और अब इसकी कुल कीमत 11 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो गई है। मंत्री ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्यात भी पिछले दस वर्षों में छह गुना बढ़ा है और अब यह 3.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है।

अश्विनी वैष्णव हरियाणा के मानेसर स्थित वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज के ग्लोबल इनोवेशन पार्क में नई Surface Mount Technology (SMT) लाइन और Mechanical Innovation Park का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने भारत में इलेक्ट्रॉनिक निर्माण क्षेत्र में हो रही तेज़ प्रगति की जानकारी दी।

नई योजना से मिलेगा और बढ़ावा
मंत्री ने बताया कि हाल ही में कैबिनेट द्वारा मंज़ूर की गई नई इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (Electronic Component Manufacturing Scheme) से भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (global supply chain) में और मजबूत स्थिति मिलेगी। इस योजना के दिशा-निर्देश (guidelines) जल्द ही जारी किए जाएंगे।

‘मेक इन इंडिया’ की बड़ी सफलता
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग है। आज इस क्षेत्र में 25 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है और आने वाले समय में इसमें जबरदस्त वृद्धि की संभावना है।

उन्होंने यह भी कहा कि अब भारत में केवल इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाए ही नहीं जा रहे, बल्कि यहां पर उन्नत डिज़ाइन (advanced design) भी हो रहे हैं। इससे भारत को उन देशों की तुलना में बढ़त मिलती है जहां डिज़ाइन की क्षमता नहीं है।

विश्वसनीय और नवाचार आधारित निर्माण का लक्ष्य
मंत्री ने कहा कि भारत एक विश्वसनीय इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण केंद्र बनाना चाहता है, जो डिज़ाइन-आधारित नवाचार, बौद्धिक संपदा (IPR) की सुरक्षा, और विविध रेयर अर्थ आपूर्ति शृंखलाओं पर आधारित होगा।

तीन-स्तरीय प्रशिक्षण योजना भी शुरू

उन्होंने बताया कि इस सेक्टर के लिए एक तीन-स्तरीय स्किलिंग रणनीति बनाई गई है, जिसमें शामिल हैं:

  1. बुनियादी प्रशिक्षण (Basic training)
  2. प्रोडक्ट के अनुसार साइट पर विशेष प्रशिक्षण (On-site product-specific training)
    1. उद्योग से जुड़ी यूनिवर्सिटी कोर्सेस (Industry-aligned university courses)

    यह प्रशिक्षण विशेष रूप से उन क्षेत्रों में मदद करेगा जहां उच्च पूंजी निवेश (High Capital Expenditure) की ज़रूरत होती है।

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