Home दुर्ग/भिलाई एक दूसरे से सीखने हेतु BSP में लियो वर्कशॉप “समाधान” का सफल आयोजन

एक दूसरे से सीखने हेतु BSP में लियो वर्कशॉप “समाधान” का सफल आयोजन

by Surendra Tripathi

29 अगस्त 2022 को सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के मानव संसाधन विकास केन्द्र में एक दूसरे के अनुभव से सीखने हेतु लर्न फ्राॅम इच अदर (लिओ) वर्कशॉप “समाधान” का दो दिवसीय आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में ‘सीडीसीपी बॉयलर और बीपीटीजी के संचालन और रखरखाव में सर्वोत्तम प्रैक्टिस’ के ऊपर प्रतिभागी संस्थानों ने अपने-अपने अनुभव साझा किये। जिससे इसके संचालन व रखरखाव के बेस्ट प्रैक्टिस को सामने लाया जा सके और सभी प्लांट इसे अपना सके। इस प्रकार आपस के विचार-विमर्श व अनुभव से इस विषय पर एक बेहतर समाधान प्राप्त हो सके।

इस कार्यशाला में टाटा स्टील, आरआईएनएल, राउरकेला स्टील प्लांट, आईएसपी बर्नपुर और सेल-भिलाई स्टील प्लांट के कुल 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया और सभी भाग लेने वाली इकाइयों व संयंत्रों द्वारा प्रस्तुतियां दी गईं।

इसके माध्यम से मानव संसाधन, प्रक्रिया, उत्पादन, निष्पादन और लाभ के संदर्भ में सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं को हल करके बेहतर प्रदर्शन से संबंधित उपायों पर विचार-मंथन किया गया हैं। इसलिए लियो वर्कशॉप एक परिणामोन्मुखी एचआरडी कार्यक्रम है, जहां पेशेवर समस्या का पता लगाने, उसका विश्लेषण करने और अपने प्लांट के काम करने और उनके सामने आने वाली समस्याओं से संबंधित एक बेहतर समाधान प्राप्त करने के लिए समूहों में विचार-मंथन किया गया।

इस कार्यशाला में भाग लेने वाली टीमों ने अपने-अपने संयंत्र व इकाई के सभी सर्वोत्तम प्रथाओं के संदर्भ में आपस में बातचीत की और अपनी मुख्य विशेषताओं और अच्छे बिंदुओं का आदान-प्रदान किया। मेकॉन लिमिटेड के संकाय विशेषज्ञ श्री रामसेशु और थर्मेक्स लिमिटेड के श्री ओंकार सिंह सैनी पूरे सत्र में उपस्थित रहे और कार्यशाला को फैसिलिटेट किया। विदित हो कि श्री राम सेशु, जिनके पास कार्यशाला के विशेषज्ञ फैसिलिटेटर के रूप में सीडीसीपी सिस्टम के संचालन का व्यापक अनुभव है, उन्होंने पहले विशाखापट्टनम स्टील प्लांट (आरआईएनएल) में काम किया है और वे बॉयलर ऑपरेशन के क्षेत्र में लगभग सभी स्टील प्लांटों को अपनी विशेषज्ञता प्रदान कर रहे हैं। कार्यशाला के दूसरे दिन, सभी संयंत्रों और इकाइयों के सभी चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा की गई और समस्याओं का विश्लेषण किया गया। साथ ही विशेषज्ञ फैसिलिटेटर श्री रामशेसु द्वारा संभावित समाधान हेतु उपाय भी सुझाये गये। कार्यशाला के समापन के दौरान, भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री अंजनी कुमार ने जहां एक दूसरे से सीखकर एक बेहतर समाधान खोजने के लिए लियो कार्यशाला की सराहना की, वहीं उन्होंने इस प्रकार की कार्यशाला के आयोजन में एचआरडी टीम द्वारा किए गए प्रयासों को भी रेखांकित किया। कार्यशाला का समन्वयन डीजीएम (एचआरडी) श्री मुकुल सहरिया और वरिष्ठ प्रबंधक (एचआरडी) श्री सुभाष पटेल ने किया। सभी टीमों ने कार्यशाला के आयोजन की सराहना की और अन्य संयंत्रों द्वारा किए जा रहे बेस्ट प्रैक्टिस से रूबरू होकर अपने-अपने संयंत्रों में बेहतर करने का संकल्प लिया।

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