दिनांक 20 मई 2022 को लौह अयस्क खदान राजहरा के वॉलीबॉल ग्राउंड में ग्रीष्मकालीन स्पोर्ट्स कोचिंग कैंप का उद्घाटन किया गया। प्रति वर्ष लौह अयस्क खदान राजहरा के कार्मिक विभाग द्वारा कोचिंग कैंप का आयोजन किया जाता है परन्तु कोरोना महामारी के कारण यह आयोजन तीन वर्ष बाद किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य महाप्रबंधक (माइन्स) तपन सूत्रधार उपस्थित थे।
लगभग एक माह चलने वाले इस कैंप में करीब 250 खिलाड़ियों को सात खेलों में प्रशिक्षण दिया जायेगा। खेल प्रशिक्षण प्रातः 6 से 8.30 बजे तक प्रतिदिन आयोजित किया जाएगा। कोचिंग कैंप का समापन 13 जून 2022 को होगा। प्रशिक्षण के दौरान खिलाड़ियों को पौष्टिक नास्ता चना और गुड़ दिया जाता है।
मुख्य अतिथि तपन सूत्रधार ने अपने उद्बोधन में ग्रीष्मकालीन स्पोर्ट्स कोचिंग कैंप की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए खेलों को जीवन का आवश्यक अंग बताया। उन्होंने यह भी कहा कि इस कैंप के सफल आयोजन के लिए जो भी आवश्यक हो वह प्रबंधन की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा।
उप महाप्रबंधक (कार्मिक) विकास चन्द्रा ने कार्यक्रम में उपस्थितों को संबोधित करते हुए कहा कि इस वर्ष कोचिग कैंप का स्वर्ण जयंती वर्ष है। पहली बार वर्ष 1972 में इस प्रकार के कैंप का आयोजन किया गया था। खेल बच्चों के सिर्फ शारीरिक व मानसिक विकास, समयबद्धता एवं अनुशासन के लिए ही आवश्यक नहीं है बल्कि बच्चों के ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम में श्री माया राम, महाप्रबंधक व खेल प्रशिक्षक ने भी प्रशिक्षकों की ओर से अपने विचार व्यक्त किये। स्पोर्ट्स कोचिंग कैंप का शुभारंभ श्री तपन सूत्रधार, आर सी बेहरा, विकास चन्द्रा व बिपिन कुमार, चिंताला श्रीकांत, प्रशांत सिरपुरकर, विनोद कुमार श्रीवास्तव, अरुण कुमार, माया राम, शमशाद रजा, सत्येंद्र कुमार, नितेश क्षत्री, के एस मान, अभय सिंह, मानकर, एम पी सिंह व अन्य उपस्थितों ने वॉलीबॉल खेल कर किया।
उदघाटन कार्यक्रम में मुख्य महाप्रबंधक के साथ-साथ महाप्रबंधकगण, वरिष्ठ अधिकारीगण, खेल प्रशिक्षक, अधिकारी एसोसिएशन, यूनियन के प्रतिनिधि एवम खिलाड़ी उपस्थित थे। कोचिंग कैंप व उदघाटन कार्यक्रम के आयोजन में कार्मिक विभाग में कार्यरत एनआईसी कोच सुदर्शन ने अहम भूमिका निभाई। कार्यक्रम की रूपरेखा सहायक प्रबंधक जय सिंह बघेल द्वारा तैयार की गई थी। कार्यक्रम का संचालन शैलेंद्र व्यास द्वारा किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रवीण मराठे द्वारा प्रस्तुत किया गया।