नईदिल्ली(ए)। देश की अधिकांश मंडियों में अरहर दाल के दाम 15 हजार रुपए प्रति क्विंटल यानी 150 रुपए प्रति किलोग्राम पहुंच गए है। इस बीच केंद्र सरकार ने किसानों से 3.40 लाख टन अरहर की खरीद कर डाली है। कृषि मंत्रालय ने शुक्रवार को आंकड़े जारी कर बताया कि सरकार ने मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत इस साल अब तक 3,40,000 टन तुअर (अरहर) की खरीद की है। योजना के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर तुअर की खरीद की जा रही है, जिसका फायदा सीधे तौर पर देश के किसानों को मिल रहा है। मंत्रालय ने 9 राज्यों से 13.22 लाख टन तुअर की खरीद को मंजूरी दी है। सरकार के द्वारा उठाए गए इस कदम को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि, केंद्र सरकार ने तुअर दाल का करीब 10 लाख टन का बफर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके पीछे का उद्देश्य मुश्किल या कम आपूर्ति के समय बाजार में इसकी कीमतों पर नियंत्रण करना है। जब बाजार में दालों की कीमतों में असमान उछाल आता है तो सरकार अपने बफर से दाल बाजार में उतारती है और कम कीमत पर इसकी बिक्री करती है। ऐसे में आम आदमी को राहत मिलती है। जबकि सरकार ने 2024-25 के बजट में दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए 2028-29 तक केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से राज्य उत्पादन के सापेक्ष अरहर, मसूर और उड़द की 100 प्रतिशत खरीद करने की प्रतिबद्धता जताई है। सरकार ने न सिर्फ 13 लाख टन से ज्यादा की तुअर खरीद को मंजूरी दी है, बल्कि उसका लक्ष्य 10 लाख टन अरहर दाल का स्टॉक तैयार करना भी है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार ने 13 अप्रैल तक तुअर की खरीद 3,40,000 टन तक पहुंचा दी है। सरकार ने इस दौरान कर्नाटक से सर्वाधिक 1,30,000 टन की खरीद की, जहां किसानों को 7,550 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी के ऊपर 450 रुपये प्रति क्विंटल का राज्य बोनस’ भी दिया जा रहा है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में भी तुअर दाल की खरीद हुई है।
दूसरी तरफ सरकार ने तेलंगाना और मध्य प्रदेश से 17,000 टन चना भी खरीदा है। क्योंकि 27 लाख टन चना खरीद की मंजूरी के बावजूद इसकी खरीद धीमी बनी हुई है। 10 प्रतिशत आयात मूल शुल्क लगाए जाने के बाद घरेलू कीमतें 5,650 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी से अधिक हो गई हैं। मसूर की खरीद 13 अप्रैल तक 28,700 टन और मूंग की खरीद 3,000 टन तक पहुंच गई है।
