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भिलाई। भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मारक प्रतिष्ठान, आचार्य नरेंद्र देव स्मृति जन अधिकार अभियान समिति एवं चंद्रशेखर फाउंडेशन भिलाई के संयुक्त तत्वावधान में एचएससीएल कालोनी रूआबांधा में मंगलवार की सुबह ऐतिहासिक अगस्त क्रांति की स्मृति में आयोजन किया गया।
प्रारंभ में देश की आजादी के लिए बलिवेदी पर प्राण न्योछावर करने वाले अमर स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया गया।
वहीं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व संपूर्ण क्रांति के प्रणेता भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण के छायाचित्र पर उपस्थित लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए संस्था के प्रमुख आरपी शर्मा ने 9 अगस्त क्रांति दिवस को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन चलाने का फैसला किया गया था और जमीनी स्तर पर इसकी शुरुआत इसके अगले दिन 9 अगस्त को हुई थी। जिसे अगस्त क्रांति के रूप में मनाया जाता है।
इस आंदोलन में जवाहरलाल नेहरू, आचार्य नरेंद्र देव, जयप्रकाश नारायण और डॉ. राम मनोहर लोहिया की भू्मिका पर उन्होने विस्तार से चर्चा की।
शर्मा ने कहा कि यह कड़वी सच्चाई है कि आज अपने आप को देशभक्त बताने वाले लोग 1942 के इस आंदोलन का बहिष्कार कर रहे थे।
शर्मा ने कहा कि आजादी की 75 वीं वर्षगांठ होने से आज का दिन विशेष महत्व रखता है उन्होंने महान समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया को रेखांकित करते हुए बताया कि लोहिया ने कहा था कि 9 अगस्त का दिन भारत वासियों के लिए महान घटना है और इसका इसकी प्रासंगिकता हमेशा बनी रहेगी।
लोहिया ने कहा था कि यह जनता की इच्छा की अभिव्यक्ति थी जिसमें उसने ठान लिया था कि हमें आजादी चाहिए और हम लेकर रहेंगे। शर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में चलाया गया यह आंदोलन आज भी प्रासंगिक है।
इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता त्रिलोक मिश्रा ने कहा कि आज के दिन महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया था। भारत छोड़ो आंदोलन के लिए यह एक ऐतिहासिक नारा था।
जिस आंदोलन ने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया। इस अवसर पर नंदकिशोर, प्रमोद शर्मा, अक्षय कुमार, अरविंद यादव और कपिल देव सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।