Home दुर्ग/भिलाई जवाहरलाल नेहरू अस्पताल ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया

जवाहरलाल नेहरू अस्पताल ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया

by Surendra Tripathi

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य चिकित्सालय जवाहरलाल नेहरू अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, सेक्टर-9 द्वारा 01 जुलाई, 2022 को भिलाई निवास परिसर में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया। प्रसिद्ध चिकित्सक व भारत रत्न डॉ बी सी रॉय को स्मरण करने के लिए हर साल 01 जुलाई को भारत में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है। यह दिवस डॉक्टरों की निस्वार्थ सेवा को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। इस अवसर पर कोविड महामारी के दौरान डॉक्टरों द्वारा किए गए समर्पित सेवाओं के महत्व पर प्रकाश डाला गया।

भिलाई निवास में आयोजित इस कार्यक्रम में जवाहरलाल नेहरू अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र के डॉक्टरों और अधिकारियों ने भाग लिया। इस आयोजन में वरिष्ठ डॉक्टर्स पूर्व-कार्यपालक निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ एस के इस्सर और पूर्व-एडीशनल सीएमओ और एचओडी (ऑर्थोपेडिक्स) डॉ जयेश दवे को उनके सेवानिवृत्ति के अवसर पर सम्मानित किया गया।

इस कार्यक्रम में वरिष्ठ डॉक्टरों ने अपने ऑन-फील्ड अनुभवों अन्य डॉक्टरों के साथ साझा किया। जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के सीएमओ द्वय डॉ एम रवींद्रनाथ और डॉ प्रमोद बिनायके ने अन्य वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ मिलकर डॉ एस के इस्सर व डॉ जयेश दवे को श्रीफल, शॉल, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर चिकित्सा के क्षेत्र में और जेएलएन संस्थान में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया।

एडीशनल सीएमओ और एचओडी (आर्थोपेडिक्स), डाॅ अनुपम लाल, एडीशनल सीएमओ (गैस्ट्रोएंटरोलॉजी) डॉ जीवनलाल घीदले और एडीशनल सीएमओ (ऑर्थोपेडिक्स) डॉ अरुण निकोस ने डॉ एस के इस्सर और डॉ जयेश दवे के साथ चिकित्सा क्षेत्र में अपने कार्यानुभवों और विचारों को साझा किया।

डॉ एस के इस्सर, राज्य के एक प्रसिद्ध सम्मानित गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट हैं, उन्होंने जवाहरलाल नेहरू अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र में एक पूरी तरह कार्यात्मक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी इकाई की स्थापना की। डॉ इस्सर ने लगभग 26 वर्षों तक संगठन की सेवा की। जेएलएन अस्पताल का नेतृत्व करते हुए अपने कार्यकाल के दौरान डेंगू को प्रतिबंधित करने और कोविड महामारी का प्रबंधन करने में सफलतापूर्वक कामयाबी हासिल की है।

भिलाई-दुर्ग के एक अन्य प्रसिद्ध ऑर्थोपेडीक सर्जन डॉ जयेश दवे भी कई लोगों के सलाहकार रहे हैं। उन्होंने लगभग 25 वर्षों तक संगठन की सेवा की है। इस कार्यक्रम में एक रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया, जहां डॉक्टरों ने समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की भावना को व्यक्त करते हुए बड़ी संख्या में रक्तदान किया।

इस वर्ष के राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस समारोह का विषय था “फ्रंट लाइन पर पारिवारिक डॉक्टर”। यह विषय डॉक्टरों द्वारा मानवता के प्रति समर्पित सेवा और उनके योगदान पर प्रकाश डालता है। राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पहली बार 1 जुलाई 1991 को भारत के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा मनाया गया था।

एडीशनल सीएमओ व एचओडी (दंत चिकित्सा) डाॅ अन्नपूर्णी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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