भारत मौसम विज्ञान (आइएमडी) ने गुरुवार को बताया कि जून-सितंबर अवधि के दौरान अनुकूल ‘ला नीना’ स्थिति बने रहने के अनुमान के साथ ही देश में लगातार चौथे साल दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रहने की संभावना है। देश में 2019, 2020 और 2021 में भी चार महीने के दक्षिण-पश्चिम मानसून मौसम में सामान्य वर्षा हुई थी।
आइएमडी के अनुसार, इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान 1971-2020 की अवधि के 87 सेंटीमीटर दीर्घावधि औसत (एलपीए) के मुकाबले 96 से 104 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है। विभाग ने यह नया औसत गुरुवार से ही शुरू किया है। इससे पहले आइएमडी मानसूनी वर्षा का अनुमान लगाने के लिए 1961-2010 के बीच के 88 सेंटीमीटर दीर्घावधि औसत पर विचार करता था। सामान्य बारिश या एलपीए को हर 10 साल में अपडेट किया जाता है। हालांकि पिछली बार इसमें देरी हो गई थी और उसे 2018 में शुरू किया गया था। तब तक विभाग 1951-2001 के एलपीए का उपयोग करता था जो 89 सेंटीमीटर था।
विभाग ने कहा कि मात्रात्मक दृष्टि से जून से सितंबर तक मानसूनी वर्षा एलपीए का 99 प्रतिशत रह सकती है जिसमें पांच प्रतिशत उतार-चढ़ाव की संभावना है। मौसम विभाग का अनुमान है कि सामान्य वर्षा की 40 प्रतिशत, सामान्य से अधिक वर्षा (एलपीए के 104 से 110 प्रतिशत तक) की 15 प्रतिशत और अत्यधिक वर्षा (एलपीए के 110 प्रतिशत से अधिक) की पांच प्रतिशत संभावना है। सामान्य से कम वर्षा (एलपीए का 90 से 96 प्रतिशत) की 26 प्रतिशत और कम वर्षा (एलपीए के 90 प्रतिशत से कम वर्षा) की 14 प्रतिशत आशंका है।