Home देश-दुनिया सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा- विवाद समाधान का रचनात्मक तरीका है मध्यस्थता , न्याय को बनाएं लचीला और समयबद्ध

सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा- विवाद समाधान का रचनात्मक तरीका है मध्यस्थता , न्याय को बनाएं लचीला और समयबद्ध

by admin

नईदिल्ली(ए)। भारत के मुख्य न्यायाधीश सीजेआई संजीव खन्ना ने शनिवार को कहा कि सभी विवाद न्यायालय और मुकदमेबाजी के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं। उन्होंने मध्यस्थता को विवाद समाधान का एक प्रभावी तरीका बताया। बता दें कि सीजेआई नागपुर में महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एमएनएलयू) के तीसरे दीक्षांत समारोह में वहां उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहें थे।  हर मामले को कानूनी रूप देना गलत- सीजेआई
सीजेआई ने आगे कहा कि हर मामले को सिर्फ कानूनी दृष्टिकोण से नहीं बल्कि मानवता की कहानी के रूप में देखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय कानूनी सहायता प्रणाली दुनिया की सबसे मजबूत प्रणालियों में से एक है, जहां सभी हितधारकों को मदद मिलती है। मध्यस्थता की बात पर दिया जोर
मुख्य न्यायाधीश ने कानूनी कार्रवाई से पहले आपसी मध्यस्थता की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता न केवल विवादों को हल करने का तरीका है, बल्कि यह रचनात्मक समाधान भी प्रदान करता है, जो रिश्तों को भी मजबूत करता है। साथ ही उन्होंने वकीलों को समस्या समाधानकर्ता” बताया। उन्होंने कहा कि उन्हें कानूनी और मानवीय दोनों दृष्टिकोण से समाधान निकालने चाहिए।

समाधान को होना चाहिए और लचीला- खन्ना
सीजेआई ने आगे कहा कि आज की समस्याएं अधिक गतिशील हो गई हैं, और उनके समाधान को भी लचीला होना चाहिए। उन्होंने न्याय के मार्ग को बाधा नहीं बनने की आवश्यकता पर जोर दिया। सीजेआई ने सभी से परंपरा से परे सोचने और न्याय प्रदान करने के तरीके को और अधिक लागत प्रभावी और समयबद्ध बनाने का आग्रह किया।

जलवायु परिवर्तन का भी किया उल्लेख
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना ने शनिवार को कहा कि न्याय प्रदान करने के पारंपरिक तरीकों से परे सोचना और उसे लागत प्रभावी व समयबद्ध बनाना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को ऐसे अनदेखे और जटिल चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनकी हमारे पूर्वजों ने कभी कल्पना भी नहीं की थी, जैसे जलवायु परिवर्तन, जो न केवल हमारे पर्यावरण के लिए खतरा है, बल्कि मानवाधिकारों और सामाजिक न्याय के ढांचे को भी प्रभावित कर रहा है। इसके अलावा, डिजिटल विकास से जुड़े नए प्रश्न जैसे गोपनीयता और सुरक्षा के मुद्दे भी सामने आ रहे हैं।

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