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नईदिल्ली(ए)। सरकार ने वित्त वर्ष 2025 में अब तक सब्सिडी पर कुल 3.07 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसमें खाद्य सब्सिडी (Food Subsidies) पर सबसे ज्यादा रुपए खर्च किए गए। बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की ओर से कुल सब्सिडी खर्च में से सबसे ज्यादा फूड सब्सिडी में 50% से अधिक व्यय हुए है। पिछले वर्ष FY 24 के पहले नौ महीनों में सब्सिडी व्यय ₹ 2.77 लाख करोड़ था। हालांकि, वित्त वर्ष 2025 का व्यय अभी भी FY 2022 में खर्च किए गए ₹ 3.51 लाख करोड़ से कम है।
सब्सिडी खर्चे से जुड़ी बातें
-सरकार की ओर से कुल सब्सिडी व्यय खाद्य सब्सिडी में व्यय से प्रेरित था। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से दिसंबर तक। बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 25 में अब तक केंद्र ने खाद्य सब्सिडी के लिए ₹ 1.64 लाख करोड़ आवंटित किए हैं।
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-वित्त वर्ष 2025 में अब तक उर्वरक सब्सिडी (Fertiliser Subsidy) पर खर्च में थोड़ी कमी आई है। अप्रैल से दिसंबर 2024 के बीच सरकार ने उर्वरक सब्सिडी पर ₹ 1.36 लाख करोड़ खर्च किए। वहीं पिछले साल यह ₹ 1.41 लाख करोड़ और अप्रैल-दिसंबर 2022 में ₹ 1.81 लाख करोड़ था।
– BOB रिपोर्ट में सरकार की गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियों में गिरावट पर भी जोर दिया गया है। इसमें परिसंपत्तियों की बिक्री और विनिवेश से प्राप्त राजस्व शामिल है।-दिसंबर 2024 तक ये प्राप्तियां ₹ 27,296 करोड़ थीं, जो दिसंबर 2023 में ₹ 29,650 करोड़ से कम और दिसंबर 2022 में ₹ 55,107 करोड़ से काफी कम थीं। यह कमजोर राजस्व संग्रह और गैर-ऋण स्रोतों के माध्यम से धन जुटाने में कम सफलता को दर्शाता है।
-रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का प्रवाह कम हुआ है। नवंबर 2024 में, FDI प्रवाह $2.4 बिलियन था, जो अक्टूबर 2024 में दर्ज $4.3 बिलियन से काफी कम है। रिपोर्ट में भारतीय शेयर बाजारों से विदेशी निवेशकों के बहिर्वाह में वृद्धि का भी उल्लेख किया गया है, जिससे देश में कुल प्रवाह पर दबाव बढ़ रहा है।