नईदिल्ली (ए)। भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट के माध्यम से देश की महिलाओं के लिए एक प्रगतिशील दृष्टिकोण की पेशकश की है, जिसमें उद्यमिता के माध्यम से महिलाओं (“नारी शक्ति”) को सशक्त बनाने, उनके जीवन को आसान बनाने और उनकी गरिमा सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी गई है।
उन्होंने अपने 58 मिनट के अंतरिम बजट भाषण का एक हिस्सा महिला सशक्तिकरण पहलों को उजागर करने के लिए समर्पित किया। सीतारमण ने राष्ट्रीय विकास, सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों और युवा विकास पर प्रारंभिक टिप्पणियों के बाद आगामी वित्तीय वर्ष के दौरान विशेष रूप से महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से विषयों और योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया।2023 में प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत स्वीकृत कुल 44.46 ऋणों में से 68.92% महिलाओं को मिले।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सरकार ने विशेष रूप से महिला उद्यमियों को 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण वितरित किए हैं, जिसका लक्ष्य व्यापार जगत में उनकी भागीदारी का विस्तार करना है। उन्होंने राष्ट्र को आगे बढ़ाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए उद्यमशीलता, बेहतर जीवन स्थितियों और महिलाओं के लिए सम्मान की भावना को बढ़ावा देने वाली पहल के साथ-साथ उनके “सशक्तीकरण और कल्याण” पर जोर दिया।
यह फोकस प्रधानमंत्री मोदी के पहली बार सत्ता संभालने के बाद लागू की गई दस साल की नीतियों पर आधारित है, जिसका लक्ष्य महिलाओं को सशक्त बनाना और उनके जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है।