Home देश-दुनिया चंडीगढ़ मेयर चुनाव मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी जैसा, रिटर्निंग ऑफिसर पर केस होना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

चंडीगढ़ मेयर चुनाव मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी जैसा, रिटर्निंग ऑफिसर पर केस होना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

by admin

नईदिल्ली (ए)। सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव को मेयर आफ डेमोक्रेसी करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि मेयर चुनाव सही तरीके से कराया जाना सबसे अहम है। CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है, इस आदमी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। यह लोकतंत्र के साथ मजाक है। यह रिटर्निंग ऑफिसर का व्यवहार है, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले पर नोटिस जारी कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से मतपत्र, वीडियोग्राफी और अन्य सामग्री समेत चुनाव प्रक्रिया के पूरे रिकॉर्ड को संरक्षित करने का आदेश दिया। वहीं अगली सुनवाई तक चंडीगढ़ निगम की आगामी बैठक को टालने का निर्देश दिया।

उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चंडीगढ़ महापौर चुनाव में जीत हासिल की थी और सभी तीन पदों पर अपना कब्जा बरकरार रखा था। इस चुनाव में 8 वोटों को अवैध करार दिया गया था, जो कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी के पार्षदों के थे। इससे पहले चुनाव में आप एवं कांग्रेस गठबंधन का दावा था कि उनके पास 20 वोट हैं और उन्हें ही जीत मिलेगी। वहीं जब वोटिंग के बाद नतीजा आया तो 8 वोट अवैध घोषित कर दिए गए और भाजपा कैंडिडेट को 16 वोटों के साथ जीता हुआ बताया गया। आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार को 12 वोटों के साथ पराजित घोषित किया गया। इस नतीजे के बाद कुलदीप कुमार फूट-फूटकर रोने लगे थे। यही नहीं आम आदमी पार्टी ने बीते सप्ताह दिल्ली में प्रदर्शन भी किया था। आम आदमी पार्टी ने तो इस मामले में भाजपा सरकार पर ही बेईमानी का आरोप लगाया था।

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