बिजनौर (ए)। मौसम ठंडा होने के साथ ही हाथी अमानगढ़ में चिंघाड़ने के लिए फिर से लौट आए हैं। अमानगढ़ में हाथियों के बड़े बड़े झुंड फिर से दिखाई देने लगे हैं। अब पूरी सर्दी और गर्मी में हाथी अमानगढ़ में ही रहेंगे और पर्यटकों को रोमांचित करने के लिए तैयार हैं।
उत्तराखंड की तलहटी में बसे अमानगढ़ को प्रकृति ने वन्य संपदा का अनमोल खजाना उपहार में दिया है। अमानगढ़ की जैव विविधता गजब की है। यहां विशाल पेड़ों के अलावा बाघ, हाथी, गुलदार, भालू आदि वन्यजीवों और पक्षियों की भरमार है।
कार्बेट नेशनल से जुड़ा है अमानगढ़
अमानगढ़ टाइगर रिजर्व कार्बेट नेशनल पार्क से जुड़ा हुआ है। दोनों एक दूसरे से जुड़े होने के बाद भी परिस्थितियों में काफी अंतर हैं। कार्बेट नेशनल पार्क की जमीन पथरीली है और यहां पर पानी की उपलब्धता कम है। यहां सर्दी भी अधिक पड़ती है। गर्मियों में वाटर होल में अपनी प्यास बुझाने के लिए कार्बेट नेशनल पार्क के काफी हिस्से के हाथी के झुूंड अमानगढ़ में आ जाते हैं और यहीं रहते हैं। उनका समय सर्दियों में भी यहीं कटता है। जबकि बरसात में उमस आदि से परेशान होकर हाथियों के लगभग सभी झुंड कार्बेट नेशनल पार्क में चले जाते हैं। बरसात में वे वहीं रहते हैं और पेड़-पौधों के पत्तों की दावत उड़ाते हैं।
तेज होती है हाथियों की याददाश्त
हाथियों की याददाश्त बहुत तेज होती है। यह एक बार जिस मार्ग में जाते हैं या गुजरते हैं वह क्षेत्र उनके दिमाग में कैद हो जाता है। अमानगढ़ के पास से निकलने वाली बरसाती नदियों के रास्ते से ये कार्बेट नेशनल पार्क में आते जाते रहते हैं।
अमानगढ़ में हाथियों के झुंड की मूवमेंट तेज हो गई है। इसके अलावा बाघ भी दिखाई दे रहे हैं। अमानगढ़ में आने वाले पर्यटकों को रोमांचित करने के लिए अमानगढ़ में हर चीज उपलब्ध है। अरुण कुमार सिंह, डीएफओ