Home देश-दुनिया मोदी सरकार ने पाकिस्तानी गोलाबारी में टूटे घरों के मुआवजे के लिए 25 करोड़ की अतिरिक्त राशि को मंजूरी दी

मोदी सरकार ने पाकिस्तानी गोलाबारी में टूटे घरों के मुआवजे के लिए 25 करोड़ की अतिरिक्त राशि को मंजूरी दी

by admin

नईदिल्ली (ए)। केंद्र की मोदी सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की गोलाबारी के कारण जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त हुए घरों के लिए मुआवजे के रूप में 25 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में पाकिस्तानी गोलाबारी से क्षतिग्रस्त हुए घरों के लिए अतिरिक्त मुआवजा राशि की घोषणा की थी।

पीएम मोदी ने कहा था कि विशेष मामले के रूप में प्रत्येक पूर्णतः क्षतिग्रस्त मकान के लिए 2 लाख रुपये तथा प्रत्येक आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकान के लिए 1 लाख रुपये की अतिरिक्त मुआवजा राशि दी जाएगी।

पीएम की घोषणा के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2,060 घरों के लिए गृह मंत्रालय से 25 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान करवाकर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की। पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी इसी प्रकार की मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी।

गृह मंत्री ने 29-30 मई को जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिले पुंछ का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने सीमा पार से गोलीबारी में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पत्र सौंपे थे। नियमों के अनुसार, सीमा पार से गोलाबारी से हुए नुकसान के लिए तुरंत मुआवजा दिया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तुरंत ही गृह मंत्रालय से 25 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया, ताकि प्रभावित परिवारों को जल्दी से सहायता मिल सके। इस सहायता राशि का उपयोग जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों के 2,060 मकानों के लिए किया जाएगा, जो पाकिस्तान की गोलाबारी से पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए थे।

पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी सहायता

इसके साथ ही, गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी पाकिस्तान की गोलाबारी से प्रभावित लोगों को समान सहायता राशि दी जाएगी। यह कदम दोनों राज्यों में सीमा पार गोलाबारी से हुए नुकसान के मद्देनजर उठाया गया है।

अमित शाह का पुंछ दौरा, अनुकंपा नियुक्ति

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29-30 मई को जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिले पुंछ का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान की गोलाबारी में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पत्र भी सौंपे थे।

धार्मिक स्थलों और व्यावसायिक संपत्तियों को भी नुकसान

ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में कई बार गोलाबारी की घटनाएं सामने आईं, जिनसे न केवल आवासीय क्षेत्र प्रभावित हुए, बल्कि स्कूलों, धार्मिक स्थलों (गुरुद्वारे, मंदिर, मस्जिद) और व्यावसायिक संपत्तियों को भी भारी नुकसान हुआ, जिससे सैंकड़ों परिवार प्रभावित हुए।

सीमावर्ती जिलों से 3.25 लाख लोगों को निकाला गया

प्रशासन ने संभावित घटनाओं का पूर्वानुमान करने और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाए। सीमावर्ती जिलों से कुल 3.25 लाख लोगों को निकाला गया, जिनमें से लगभग 15,000 लोगों को भोजन, पानी, स्वास्थ्य देखभाल, बिजली आदि जैसी सुविधाओं से लैस लगभग 397 आश्रय घर/आवास केंद्रों में ठहराया गया।

मरीजों को इलाज के लिए पुंछ में 62 एंबुलेंस तैनात थीं

सभी सीमावर्ती जिलों में मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाने के लिए कुल 394 एंबुलेंस तैनात की गईं, जिनमें से अकेले पुंछ जिले में 62 एंबुलेंस तैनात की गईं। स्वास्थ्य, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं, पशुधन, आवश्यक आपूर्ति आदि से संबंधित सेवाओं के लिए कुल 2818 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को भी तैनात किया गया।

Share with your Friends

Related Posts