Home छत्तीसगढ़ शमशान नाला किसानों और वन्य प्राणियों के लिए बना वरदान

शमशान नाला किसानों और वन्य प्राणियों के लिए बना वरदान

by admin

नाले के उपचार से भूजल स्तर में हुई वृद्धि, जल स्रोत हुए पुनर्जीवित

सिंचाई का रकबा बढ़ा, वर्ष भर मिल रहा है पानी

वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर से लक्ष्मण पानी पहाड़ की बढ़ी सुंदरता, पर्यटन स्थल के रूप में भी मिल रही पहचान

रायपुर,

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में चलाए जा रहे नरवा कार्यक्रम के तहत भू-जल, सवर्धन एवं संरक्षण के कार्यों के सकारात्मक परिणाम बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में भी देखने को मिल रहे है, जहां नाले के उपचार से न केवल भू-जल स्तर में वृद्धि हुई है, बल्कि किसानों को सिंचाई के लिए पानी के साथ ही पशुओं को भी बारह महीने पानी उपलब्ध हो रहा है। वाटर रिचार्जिंग के उद्देश्य से बलरामपुर वनमंडल के वन परिक्षेत्र रामानुजगंज स्थित समशान नाला में वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का निर्माण कराया गया। नरवा कार्यक्रम के तहत अब तक 6395 नालों को उपचारित किया जा चुका है। जिसके आशानुकूल परिणाम सामने आ रहे हैं। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा है कि नरवा विकास कार्यक्रम से वन क्षेत्रों में भू-जल स्तर, सिंचाई के रकबे में वृद्धि के साथ जैव-विविधता की स्थिति बेहतर हो रही है।

नरवा विकास कार्यक्रम के तहत बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के बलरामपुर वनमंडल के वन परिक्षेत्र रामानुजगंज स्थित समशान नाला में वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का निर्माण कराया गया। स्ट्रक्चर के बनने से लगभग 10 हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हुई है। साथ ही वन्य प्राणियों को भी पानी मिलने लगा है। इसी तरह नजदीकी ग्राम गरगोड़ी का भू-जल स्तर भी 0.25 मीटर बढ़ गया है। आसपास के कुंए एवं अन्य जल स्त्रोत भी पुनर्जीवित हुए हैं। कुंए और बोरवेल का जल स्तर बढ़ने से 70 हेक्टेयर खरीफ फसल क्षेत्र की भी सिंचाई हो पा रही है। वहीं रबी के मौसम में भी लगभग 40 हेक्टेयर क्षेत्र इससे सिंचित होगा। भू जल के बढ़ते स्तर से कृषि के साथ ही वनौषधियों के उत्पादन बढ़ोत्तरी देखी गई है।

सघन वनों के बीच स्थित शमशान नाला का प्रवाह क्षेत्र लक्ष्मण पानी पहाड़ के मध्य बनाया गया है। लक्ष्मण पानी पहाड़ की सुंदरता सहज ही आकर्षित करती है लेकिन स्ट्रक्चर बनने से इसकी सुंदरता अधिक बढ़ गई है, जिससे पर्यटन स्थल के रूप में इसको अब पहचान मिल रही है। औसतन 10-15 व्यक्ति प्रत्येक दिन बाँध में घूमने आते हैं और धीरे-धीरे इसकी संख्या बढ़ रही है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कैम्पा के तहत 2020-21 में बलरामपुर वनमंडल के रामानुजगंज में स्थित समशान नाला वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर तैयार किया गया है, जिसकी चौड़ाई 165 मीटर तथा ऊंचाई 12 मीटर है। वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का कैचमेंट एरिया 320 हेक्टेयर एवं जल भराव क्षेत्र 16.00 हेक्टेयर है। अधिकारियों ने कहा कि स्ट्रक्चर जिस उद्देश्य के साथ तैयार किया गया है, अब वह पूरा हो रहा है। वर्षा जल संचयन न होने, जल के अनियंत्रित दोहन और ग्लोबल वार्मिंग के कारण भू-जल स्तर लगातार घट रहा है। भू-जल स्तर घटने से कई स्तरों पर पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। छत्तीगसढ़ सरकार इन चुनौतियों से निपटने के लिए भूू-जल स्तर बढ़ाने के नवाचारी उपायों के तहत नालों के उपचार का कार्य कर रही है।

Share with your Friends

Related Posts