सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के शिक्षा विभाग द्वारा 5 सितम्बर को महान दार्शनिक एवं शिक्षाविद डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया गया। भिलाई निवास के बहुउद्देशीय सभागार में मुख्य अतिथि, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) श्री ए के भट्टा द्वारा दीप प्रज्वलन एवं डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण कर गरिमामयी समारोह का शुभारंभ किया गया।
शिक्षक दिवस के इस पावन अवसर पर संयंत्र एवं सम्बद्ध निजी विद्यालयों के 28 प्रतिभावान शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, शाल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री एम एम गद्रे ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि षिक्षक एक गुरू के रूप में अधिक जाने जाते है। वे गुरू के रूप में समाज के निर्माण व उत्थान के लिए निरन्तर समर्पित रहते हैं। गुरूओं की समाज निर्माण में अहम भूमिका होती है। मैं यहां उपस्थित सभी गुरूजनों को षिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई देता हूँ। समारोह में उपस्थित मुख्य अतिथि श्री ए के भट्टा ने अपने उद्बोधन में शिक्षकों द्वारा विगत दो वर्षों में ऑनलाइन शिक्षण हेतु किए गये अथक परिश्रम की सराहना की। छात्रों के ज्ञानार्जन, चरित्र निर्माण एवं राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
मुख्य अतिथि के साथ कार्यक्रम में कार्यपालक निदेशक (खदान) श्री तपन सूत्रधार, कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री एम एम गद्रे, कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) श्री एस मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) डॉ अशोक कुमार पंडा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) डॉ एम रविंद्रनाथ एवं मुख्य महाप्रबंधक (नगर सेवाएं एवं निगमित सामाजिक उत्तदायित्व विभाग) श्री एस व्ही नंदनवार उपस्थित रहे।
मुख्य महाप्रबंधक (नगर सेवाएं एवं निगमित सामाजिक उत्तदायित्व विभाग) श्री एस व्ही नंदनवार ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने शिक्षा विभाग की शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए शिक्षा प्रमुख तथा सम्पूर्ण शिक्षक समूह को बधाईयाँ प्रेषित की।
सम्मान समारोह में कुल 28 शिक्षकों को सम्मानित किया गया, जिसमें 1 प्राचार्या, 1 प्रभारी प्राचार्य, 2 वरिष्ठ व्याख्याता, 4 अतिरिक्त वरिष्ठ व्याख्याता, 8 व्याख्याता, 2 वरिष्ठ शिक्षक, 3 शिक्षक, 1 क्रीडा समन्वयक, 2 गैर शैक्षणिक कर्मचारी एवं निजी विद्यालयों के 4 शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
इनमें प्राचार्य श्रीमती माधुरी जलतारे व प्राचार्य प्रभारी श्री रमेश कुमार चौबे, सीनियर लेक्चरर व लेक्चरर की श्रेणी में श्री अशोक सिंह व श्रीमती अनीता अशोक, श्रीमती निशि शिवप्पा, श्रीमती ज्योति यादव, श्रीमती किरण कुमारी यादव, श्रीमती अर्चना गुलाटी, श्रीमती के विजया लक्ष्मी रेड्डी, श्रीमती संध्या आर्य, श्रीमती सीमा फिलिप, श्री नीराकर गौड़, श्रीमती जया कृष्ण कुमार, श्री चंद्र प्रकाश शर्मा, श्री हेमेंद्र कुमार वर्मा, श्री शंकर लाल हरजपाल सम्मानित किये गये। सम्मान के अगले कड़ी में वरिष्ठ शिक्षक एवं शिक्षक की श्रेणी में श्रीमती लिपिका चक्रवर्ती, श्री प्रकाश कुमार दोनोदे, श्री आशीष कुमार गुप्ता, डॉ उपमा शुक्ला, डॉ अर्पण शास्त्री तथा निजी शालाओं में कार्यरत शिक्षक की श्रेणी में श्रीमती प्रिया सी पेरी, श्री रवि प्रकाश वर्मा, श्रीमती स्मिता रूसिया, श्रीमती सुनीता दीवान सम्मानित किये गये। इसी क्रम में गैर-शिक्षिकीय कर्मचारी श्री अविनाश चंद्र शील, श्रीमती उमा सिंह, श्री राजेश कुमार साहू को भी सम्मानित किया गया।
सीनियर सेकेण्डरी स्कूल, सेक्टर-10 के छात्र-छात्राओं द्वारा स्वागत गीत एवं गुरु वंदना प्रस्तुत की गयी। ईएमएमएस, सेक्टर-6 के छोटे बच्चों ने अतिथियों का तिलक लगाकर स्वागत किया। सीनियर सेकेण्डरी स्कूल, सेक्टर-10 की छात्रा आयुषी शुक्ला एवं सीनियर सेकेण्डरी स्कूल, सेक्टर-7 की छात्रा हिमानी चक्रधारी ने शिक्षकः संकट के समय नेतृत्व एवं भविष्य की नई कल्पना विषय पर अपने सारगर्भित विचार रखे। इस अवसर पर शिक्षा विभाग द्वारा प्रकाशित पत्रिका “स्मारिका” का विमोचन भी किया गया।
कार्यक्रम के अंत में शिक्षा प्रमुख महाप्रबंधक (शिक्षा) श्रीमती शिखा दुबे ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती सरिता बहल ने किया।