Home खास खबर भारतीय भाषाओं के विकास को लेकर सजग है IIMC: प्रो. द्विवेदी

भारतीय भाषाओं के विकास को लेकर सजग है IIMC: प्रो. द्विवेदी

by Surendra Tripathi

नई दिल्ली-  भारतीय भाषाओं में अनुवाद और शोध को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी), नई दिल्लीऔर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के बीच मंगलवार को सहमति ज्ञापन (एमओयू)पर हस्ताक्षर किए गए। एमओयू पर आईआईएमसी की ओर से महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी एवं महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद शुक्ल, जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. कृपाशंकर चौबे, आईआईएमसी के डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह एवं डीन (छात्र कल्याण) प्रो. प्रमोद कुमार भी उपस्थित थे।

सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि आईआईएमसी भारतीय भाषाओं के विकास को लेकर सजग है। संस्थान जम्मू और अमरावती परिसर में इसी वर्ष हिंदी पत्रकारिता पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। साथ ही इस वर्ष तीन परिसरों में डिजिटल पत्रकारिता पाठ्यक्रम की शुरुआत भी की जा रही है।

प्रो. द्विवेदी ने कहा कि आईआईएमसी ने भारतीय भाषाओं में पाठ्य पुस्तकें तैयार करने हेतु एक विशेष कार्य योजना तैयार की है। इससे मीडिया में भारतीय भाषाओं के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप आईआईएमसी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम आरंभ करने की तैयारी में है।

भारतीय भाषाओं में अनुवाद की आवश्यकता पर जोर देते महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि हिंदी और भारतीय भाषाओं के विद्यार्थियों को उनकी अपनी भाषा में पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए दोनो संस्थान मिलकर प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय है। इस सहमति ज्ञापन के माध्यम से दोनों संस्थान भारतीय भाषाओं में गुणवत्तापूर्ण मीडिया शिक्षण हेतु ठोस प्रयास करेंगे।

प्रो. शुक्ल ने कहा कि इस सहमति ज्ञापन से दोनों संस्थानों के मीडिया पाठ्यक्रम में एकरूपता लाने के प्रयास भी किये जाएंगे। साथ ही संचार एवं मीडिया शोध से जुड़े विभिन्न विषयों पर भी हम मिलकर काम करेंगे।

इस अवसर पर आईआईएमसी के डीन (छात्र कल्याण) प्रो. प्रमोद कुमार ने कहा कि भारतीय जन संचार संस्थान 1965 से लेकर आज तक गुणवत्तापूर्ण मीडिया शिक्षा प्रदान कर रहा है और आईआईएमसी से तैयार पत्रकार देशभर के विभिन्न मीडिया संस्थानों में अग्रणी भूमिकाओं में हैं।

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. कृपाशंकर चौबे ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय वर्ष 1997 से हिंदी भाषा के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओं के संवर्धन हेतु काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में कुल आठ विद्यापीठ हैं, जहां स्नातक और परास्नातक का अध्ययन और शोध कार्य होता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद उनके विश्वविद्यालय को भारतीय जन संचार संस्थान के अनुभवों का लाभ मिलेगा।

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