Home देश-दुनिया मन की बात: भारत ने 400 बिलियन डॉलर के एक्सपोर्ट के लक्ष्य को हासिल किया-PM

मन की बात: भारत ने 400 बिलियन डॉलर के एक्सपोर्ट के लक्ष्य को हासिल किया-PM

by Surendra Tripathi

 दिल्ली-  ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत ने 400 अरब डालर के निर्यात का लक्ष्य हासिल कर लिया है। यह भारत की क्षमताओं और क्षमता को दर्शाता है। इसका मतलब है कि दुनिया में भारतीय सामानों की मांग बढ़ रही है। पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान कहा कि हम 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाएंगे। आज पूरे विश्व में हेल्थ को लेकर भारतीय चिंतन चाहे वो योग हो या आयुर्वेद इसके प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है। पिछले ही सप्ताह कतर में एक योग कार्यक्रम में 114 देशों के नागरिकों ने हिस्सा लेकर एक नया विश्व रिकार्ड बनाया है। आयुष उद्योग का बाजार लगातार बड़ा हो रहा है। छह साल पहले आयुर्वेद से जुड़ी दवाइयों का बाजार 22 हजार करोड़ रुपये के आसपास का था। आज आयुष विनिर्माण उद्योग एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपये के आसपास पहुंच गया है।

पीएम मोदी ने जल संरक्षण पर कहा कि मैं तो उस राज्य से आता हूं, जहां पानी की हमेशा बहुत कमी रही है। गुजरात में इन (Stepwells) को वाव कहते हैं। गुजरात जैसे राज्य में वाव की बड़ी भूमिका रही है। इन कुओं या बावड़ियों के संरक्षण के लिए ‘जल मंदिर योजना’ ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। पूरे गुजरात में अनेकों बावड़ियों को पुनर्जीवित किया गया। इससे इन इलाकों में वाटर लेवेल (water level) को बढ़ाने में भी काफी मदद मिली। ऐसे ही अभियान आप भी स्थानीय स्तर पर चला सकते हैं। हमारे देश में जल संरक्षण, जल स्रोतों की सुरक्षा, सदियों से समाज के स्वभाव का हिस्सा रहा है। मुझे खुशी है कि देश में बहुत से लोगों ने (Water Conservation) को जिंदगी का मकसद ही बना दिया है।

पीएम मोदी ने कहा कि जैसे आजादी के अमृत महोत्सव में हमारे देश के हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर बनाए जा सकते हैं। कुछ पुराने सरोवरों को सुधारा जा सकता है, कुछ नए सरोवर बनाए जा सकते हैं। मुझे विशवास है कि आप इस दिशा में कुछ ना कुछ प्रयास जरूर करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नवरात्र में हम व्रत-उपवास, शक्ति की साधना करते हैं, शक्ति की पूजा करते हैं, यानी हमारी परम्पराएं हमें उल्लास भी सिखाती हैं और संयम भी। हम सबको साथ लेकर अपने पर्व मनाएं, भारत की विविधता को सशक्त करें, सबकी यही कामना है।

 

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