नई दिल्ली । आगामी टोक्यो ओलंपिक के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने वाली सिमडेगा की सलीमा टेटे का यहां तक का सफर मुश्किलों से भरा रहा है। बेहद गरीबी से निकलकर इस खिलाड़ी ने राष्ट्रीय टीम तक का सफर तय किया है। सलीमा का पूरा परिवार झारखंड के सिमडेगा जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर बढ़कीछापर गांव में रहता है। बेटी राष्ट्रीय टीम में खिल रही है फिर भी यह परिवार अब तक कच्चे मकान में रहता है। सलीमा के पिता सुल्क्सन टेटे एवं भाई अनमोल टेटे खुद से हल-बैल से खेती करते हैं. मां सुबानी टेटे गृहणी हैं।
सलीमा की चार बहनों में इलिसन, अनिमा, सुमंती एवं महिमा टेटे शामिल हैं। महिमा भी राज्य स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता खेल चुकी है। सुमंती मुंबई में रहकर काम करती है। सलीमा का चयन ओलंपिक में होने के बाद उसके परिवार के साथ-साथ गांव के लोग भी गौरवान्वित हैं। जिले से पहली बार किसी महिला खिलाड़ी का ओलंपिक के लिए चयन हुआ है। इससे पहले 1980 में पुरुष वर्ग में सिल्वानुस डुंगडुंग का चयन हुआ था।
सलीमा के पिता ने बताया कि काफी संघर्ष के बाद सलीमा इस मुकाम तक पहुंची है। आरम्भ के दिनों में वह उनके साथ हॉकी मैदान जाती थी। बाद में स्कूल के आवासीय प्रशिक्षण के माध्यम से अपनी प्रतिभा निखारती चली गई। कई अंतरराष्ट्रीय मैचों में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद अब सलीमा को ओलंपिक के लिए अवसर मिला है।
सलीमा ने बेहद गरीबी से निकलकर राष्ट्रीय टीम का सफर तय किया
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