Home राजनीति उप राज्यपाल को अधिक अधिकार, सिसोदिया का आरोप- दिल्ली पर ‘पिछले दरवाजे’ से शासन करना चाहती है बीजेपी

उप राज्यपाल को अधिक अधिकार, सिसोदिया का आरोप- दिल्ली पर ‘पिछले दरवाजे’ से शासन करना चाहती है बीजेपी

by admin

नई दिल्ली । दिल्ली की केजरीवाल सरकार में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह पिछले दरवाजे से राष्ट्रीय राजधानी पर शासन करने का प्रयास कर रही है। सिसोदिया ने दावा किया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसके तहत उप राज्यपाल को अधिक शक्तियां दी जाएंगी। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, केंद्र ने गवर्नमेंट ऑफ एनसीटी दिल्ली ऐक्ट में संशोधन को बुधवार को मंजूरी दी। इन खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए आप नेता सिसोदिया ने में कहा कि यह निर्णय लोकतंत्र, संविधान और दिल्ली के नागरिकों की मर्जी के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मंत्रिमंडल में एक कानून पेश किया है, जिससे दिल्ली की चुनी हुई सरकार से शक्ति छीन ली जाएगी और केंद्र द्वारा नियुक्त उप राज्यपाल को दे दी जाएगी। दिल्ली सरकार को अपने फैसले लेने की आजादी नहीं होगी। भाजपा दिल्ली पर पिछले दरवाजे से शासन करना चाहती है, क्योंकि लोगों ने लगातार तीन चुनाव में उन्हें नहीं चुना है।
खबरों के मुताबिक, कैबिनेट ने दिल्ली के उपराज्यपाल को अधिक अधिकार देने वाले बिल को मंजूरी दे दी है। गवर्नमेंट ऑफ एनसीटी दिल्ली ऐक्ट में कुछ संशोधन कर दिल्ली की निर्वाचित सरकार को तय समय में ही एलजी के पास विधायी और प्रशासनिक प्रस्ताव भेजने का प्रावधान भी है। यह बिल इसी सत्र में पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। इनमें उन विषयों का भी उल्लेख है जो विधानसभा के दायरे से बाहर आते हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार ये संशोधन गवर्नेंस को बेहतर करने और एलजी तथा दिल्ली सरकार के बीच टकराव कम करने के लिए किए जा रहे हैं।
जामकारी के मुताबिक, बुधवार को कैबिनेट की बैठक में पास किए गए संशोधन के मुताबिक, अब विधायी प्रस्ताव उपराज्यपाल के पास कम से कम 15 दिन पहले और प्रशासनिक प्रस्ताव सात दिन पहले पहुंचाने होंगे। बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश होने के नाते दिल्ली के उपराज्यपाल को कई अधिकार मिले हुए हैं। हालांकि इसी अधिकार को लेकर केजरीवाल सरकार कई बार अपना विरोध जता चुकी है। ऐसा माना जा रहा है कि केंद्र की ओर से एलजी को और ज्यादा पावरफुल बनाए जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की टेंशन और बढ़ सकती है।

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