नई दिल्ली. केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानून (Agricultural Law) के विरोध में दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन (kisan Andolan) का समर्थन करते हुए शिवसेना ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. शिवसेना (Shiv Sena) ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए बीजेपी (BJP) के बहान कांग्रेस (Congress) पर भी निशाना साधने की कोशिश की है. शिवसेना ने कहा कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन जो कुछ भी हुआ उसके बाद किसानों को देशद्रोही ठहरा दिया गया है. शिवसेना ने तंज कसते हुए कहा है कि कांग्रेस के शासन में भी कुछ अलग नहीं होता था.
किसान आंदोलन को लेकर शिवसेना ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली में किसान हिंसक हुए, क्योंकि उन्हें उस तरह से उकसाया गया. किसानों को उकसानेवाला और किसानों को लाल किले तक ले जानेवाला आखिरकार भाजपा परिवार से निकलना. इससे बड़ा मजाक और क्या हो सकता है?
सामना में लिखा गया, ‘शरद पवार जैसे नेता बार-बार कह रहे हैं कि पंजाब को अशांत न बनाएं. उसके पीछे के सत्य को समझने की मानसिकता सत्ताधारियों की नहीं है. किसानों के नेता राष्ट्रपति भवन में जाकर अपनी व्यथा व्यक्त करके आए, लेकिन लाभ क्या हुआ? राष्ट्रपति भवन लोकभावना से कई मील दूर है. मुंबई में किसानों के नेता राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को निवेदन देने निकले तब हमारे महामहिम राज्यपाल के गोवा के दौरे पर होने की बात कही गई. संस्थाओं पर राजनीतिज्ञों को बैठाएंगे तो और क्या होगा? यह विषय सिर्फ भाजपा तक के लिए ही सीमित नहीं है. कांग्रेस के शासन में भी अलग कुछ नहीं होता था.’