लंदन । दुनिया में कई स्थानों पर कोविड-19 के लिए टीकाकरण शुरू होने के बावजूद कोरोना संक्रमण के विस्तार और उसके नए स्वरूप के कारण जनवरी में भी लोगों की परेशानियां कम नहीं होंगी। ब्रिटेन से लेकर जापान तक, जापान से लेकर कैलिफोर्निया तक अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए जगह नहीं बची है और कुछ सरकारों के फिर लॉकडाउन लगाने से आजीविका का खतरा फिर उत्पन्न हो गया है। इंग्लैंड में लॉकडाउन लगा दिया गया है। मैक्सिको सिटी के अस्पतालों में मरीजों की संख्या पहले से अधिक है। जर्मनी में मंगलवार को वायरस के अभी तक के सर्वाधिक नए मामले सामने आए। दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए जगह नहीं मिल रही है।
थाईलैंड में वायरस के मामले अचानक बढ़ गए हैं। साल के अंत में लोगों के छुट्टियों पर निकलने के कारण कोविड-19 के मामलों में भी बढ़ोतरी आई है। अधिकतर देशों में ब्रिटेन में सामने आए वायरस के नए स्वरूप (स्ट्रेन) के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रवक्ता डॉ। मार्गरेट हैरिस ने कहा कि जनवरी मुश्किलों भरा रहेगा।
वहीं, ब्रिटेन में इस सप्ताह एक दूसरा टीका लगाया गया और कुछ अमेरिकी राज्यों ने दूसरे दौर का टीकाकरण शुरू कर दिया है। वैश्विक स्तर पर टीके की पहुंच बेहद असमान है। आपूर्ति इस वैश्विक महामारी के खात्मे के लिए बहुत कम है, जिससे अभी तक दुनियाभर में 18।5 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महासचिव टेड्रोस अधानोम ने कहा उच्च जोखिम वाली आबादी के लिए दो अत्यधिक प्रभावी तथा सुरक्षित टीकों को जारी कर हम संक्रमण को फैलने से रोकने, मामलों को कम करने, स्वास्थ्य प्रणाली को बचाने और लोगों की जिंदगियां बचाने की दौड़ में हैं।
नए साल में भी बना रहेगा कोरोना वायरस का खतरा, बढ़ेगी लोगों की परेशानियां
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