नईदिल्ली(ए)। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हाशिए पर रहने वाले समुदायों के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति में हो रही देरी और आवासीय छात्रावासों की खराब स्थिति की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया है। अपने पत्र में, राहुल गांधी ने देश के दलित, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक छात्रों के हित में तत्काल फैसले लेने की अपील की है।
राहुल गांधी ने अपने पत्र में आवासीय छात्रावासों की स्थिति को ‘दयनीय’ बताते हुए गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने मैट्रिक पास करने के बाद हाशिए पर रहने वाले समुदायों के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति के भुगतान में होने वाली देरी के गंभीर मुद्दे को भी उठाया। कांग्रेस सांसद ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि छात्रों से जुड़े इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर तत्काल ध्यान दिया जाए।

अपने पत्र में राहुल गांधी ने लिखा है कि हाशिए पर पड़े समुदायों से आने वाले लगभग 90 प्रतिशत छात्रों की शिक्षा छात्रवृत्ति और छात्रावास की सुविधाओं में कमी के कारण बाधित होती है। उन्होंने अपने हालिया बिहार दौरे के अनुभवों का उल्लेख करते हुए कहा कि दरभंगा के आंबेडकर छात्रावास का दौरा करने पर छात्रों ने उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया। छात्रों ने शिकायत की कि उन्हें एक ही कमरे में 6-7 छात्रों के साथ रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है। छात्रावासों में शौचालय बदहाल हैं, पीने का पानी भी सुरक्षित नहीं है और भोजनालय जैसी बुनियादी सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। इसके अतिरिक्त, पुस्तकालयों और इंटरनेट जैसी आवश्यक सेवाएं भी नदारद हैं।
राहुल गांधी ने इस बात पर भी जोर दिया कि हाशिए पर रहने वाले समुदायों के छात्रों को मैट्रिक के बाद समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है। उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए अपने पत्र में दावा किया कि छात्रवृत्ति पोर्टल पिछले तीन वर्षों से निष्क्रिय पड़ा है और वर्ष 2021-22 में किसी भी छात्र को छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं किया गया है।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से इन गंभीर समस्याओं को प्राथमिकता देने और वंचित छात्रों को न्याय दिलाने के लिए त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया है। यह पत्र ऐसे समय में सामने आया है जब शिक्षा और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस चल रही है।