Home देश-दुनिया ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भक्त करवाएंगे भगवान को स्नान… प्रभू होंगे बीमार, जाने क्या है परंपरा

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भक्त करवाएंगे भगवान को स्नान… प्रभू होंगे बीमार, जाने क्या है परंपरा

by admin

इंदौर(ए)। देश भर में भगवान जगन्नाथ के महोत्सव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर बुधवार के दिन से यह महोत्सव शुरू हो जाता है। इसे लेकर देश के अलग-अलग मंदिरों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बुधवार 11 जून को स्नान यात्रा महोत्सव आयोजित किया जाएगा। इस दिन भक्त बिना किसी भेदभाव के अपने हाथों से भगवान जगन्नाथ, बलदेव तथा सुभद्रा महारानी को स्नान कराएंगे। जिसके बाद स्नान करने के कारण भगवान बीमार हो जाएंगे और उनका उपचार किया जाएगा।

ज्वर लीला करेंगे भगवान

धार्मिक मान्यता के अनुसार स्नान यात्रा महोत्सव में भक्तों द्वारा भगवान को अत्यधिक स्नान कराने के कारण उन्हें सर्दी हो जाती है और वें बीमार पड़ जाते हैं। एक पखवाड़े तक पुजारी एकांतवास में आयुर्वेदिक औषधियों से भगवान का उपचार करते हैं। इस दौरान भक्तों को भगवान के दर्शन नहीं होंगे। स्वस्थ होने के उपरांत 27 जून को भगवान रथ पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे।

इस्कान मंदिर में भव्य स्नान यात्रा महोत्सव का आयोजन

उज्जैन के भरतपुरी स्थित इस्कान मंदिर में भी स्नान यात्रा महोत्सव का आयोजन किया गया है। जिसे लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सुबह 9.30 से 11.30 बजे तक भगवान के महाअभिषेक का सिलसिला चलेगा। इसके बाद भगवान को मंदिर वेदी में विराजित किया जाएगा। दोपहर एक बजे भगवान के गजवेश दर्शन होंगे। स्नान यात्रा के दिन साल में सिर्फ एक बार भगवान के गजवेश दर्शन होते हैं।

पीआरओ राघव पंडित दास प्रभु ने बताया , उज्जैन के राजा इंद्रद्युम्न ने अपनी निष्कलंक भक्ति से भगवान श्रीकृष्ण को काष्ट रूप में प्रकट किया था। भगवान के इस दिव्य स्वरूप में प्रकट होने पर भक्त भावविभोर हो गए और उन्होंने भगवान को खूब स्नान कराया। उज्जयिनी की धर्म धरा पर इस्कान मंदिर के प्रांगण में बुधवार को वह धर्म प्रसंग एक बार फिर जीवंत हो उठेगा, जब भक्त भगवान जगन्नाथ को पवित्र नदियों व सरोवर के जल से स्नान काएंगे।

 

अलग-अलग नदियों के जल से करवाया जाएगा स्नान

मंदिर प्रबंधन ने भगवान के महाअभिषेक के लिए गंगा, जमुना, नर्मदा, शिप्रा व कोटितीर्थ कुंड के पवित्र जल का प्रबंध किया है। इसी जल से भक्त भगवान को स्नान कराएंगे। जगन्नाथ के जलाभिषेक के लिए भक्तों को ड्रेस कोड का पालन करना होगा। पुरुषों को धोती कुर्ता तथा महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य है। सामिजक समरसता के इस महामहोत्सव में बिना भेदभाव के कोई भी भक्त शामिल हो सकते हैं।

भगवान जनार्दन का इत्र से अभिषेक

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर सिंहपुरी जनार्दन गली स्थित श्री जनार्दन मंदिर में भगवान जनार्दन का इत्र व गुलाब जल से महामस्तकाभिषेक होगा। कोई भी भक्त बिना भेदभाव के भगवान का इत्र व गुलाब जल से अभिषेक कर सकते हैं। पुजारी आनंद चतुर्वेदी ने बताया ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भगवान जनार्दन के महामस्तकाभिषेक की परंपरा पुरानी है। इस बार भी 11 जून को सुबह 10 से 11.30 बजे तक भक्त भगवान का अभिषेक कर सकते हैं। इत्र व गुलाब जल की व्यवस्था मंदिर प्रबंध समिति की ओर से रहेगी।

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