Home राजनीति ममता को बड़ा झटका स्थापना दिवस पर शुभेंदु के भाई सहित 15 नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ

ममता को बड़ा झटका स्थापना दिवस पर शुभेंदु के भाई सहित 15 नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ

by admin

नई दिल्ली । तृणमूल कांग्रेस के गठन को 23 साल पूरे हो गए। लेकिन पार्टी के स्थापना दिवस पर ही कोंटाई नगर निकाय में पार्टी के अधिकतर पार्षद उसका साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। 20 सदस्यों वाली कोंटाई नगरपालिका में तृणमूल कांग्रेस के 15 पार्षद शुक्रवार को भाजपा में शामिल हो गए। इसमें कोंटाई नगरपालिका के पूर्व प्रशासक सौमेन्दु अधिकारी भी शामिल हैं जो शुभेन्दु अधिकारी के भाई हैं। शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी सरकार में वरिष्ठ मंत्री थे लेकिन वह पिछले महीने बीजेपी में शामिल हो गए। सौमेन्दु को हाल ही में ममता बनर्जी सरकार ने नगर निकाय के प्रशासक पद से हटा दिया गया था। बता दें कि बंगाल में इस साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। पिछले महीने तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए शुभेन्दु अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सौमेन्दु को हटाना बदले की भावना से उठाया गया कदम था। राज्य के पूर्व मंत्री ने यह भी कहा कि ममता बनर्जी सरकार नगर निगम चुनाव कराने में देरी कर रही है, क्योंकि वह अपनी आसन्न हार से भयभीत है। उन्होंने कहा, ”लोग भाजपा के पक्ष में मतदान करेंगे, चाहे वह निकाय चुनाव हों या विधानसभा चुनाव। इससे पहले दिन में, सौमेन्दु ने संवाददाताओं से कहा था कि उनका परिवार कई तरह के हमले सहन कर रहा है। लेकिन हम मैदान में उचित जवाब देने में विश्वास करते हैं। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फिरहाद हाकिम ने कहा, ‘सौमेन्दु (नगर निकाय के) प्रशासक रहते हुए किसी अन्य पार्टी में शामिल होने के बारे में नहीं सोच सकते थे। चूंकि उन्हें पद से हटा दिया गया है, तो वह अन्य पार्टी में शामिल हो गए हैं। इसने उनका अधिकारी परिवार का असल रंग दिखा दिया है कि वे पद के बिना नहीं जी सकते हैं।’ इस बीच पार्टी के सिंगूर से विधायक और वरिष्ठ नेता रबिंद्रनाथ भट्टाचार्य ने पुराने नेताओं को किनारे कर “भ्रष्ट और बेईमान” तत्वों को पार्टी में शामिल करने का रास्ता बनाने के लिए तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व पर हमला किया। वह हूगली में पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए। तृणमूल कांग्रेस ने स्थापना दिवस पर कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की संस्कृति और मूल्यों की सच्ची संरक्षक हैं।

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