नईदिल्ली(ए)। पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच भारत अपनी सेनाओं को उन्नत हथियारों, गोला-बारूद और विभिन्न सैन्य उपकरणों से लैस करने के लिए रक्षा बजट में 50 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, यह बढ़ोतरी संसद के शीत सत्र के दौरान अनुपूरक बजट के माध्यम से की जा सकती और इसके साथ कुल रक्षा आवंटन को 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा। सूत्रों ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद सरकार ने महसूस किया है कि भारतीय सेनाओं को सामरिक लिहाज से और मजबूत करना और इस्राइल की आयरन डोम जैसी उन्नत वायु रक्षा प्रणालियां उपलब्ध कराने की जरूरत है। यही वजह है कि रक्षा मंत्रालय की तरफ से लड़ाकू विमानों, मिसाइलों आदि की खरीद के लिए रक्षा बजट में 50 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि का प्रस्ताव रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक, यह राशि हथियार खरीद के अलावा स्वदेशी स्तर पर अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने में इस्तेमाल की जाएगी। हालांकि, रक्षा बजट 2014 से ही मोदी सरकार की प्राथमिकता में शामिल रहा है। भाजपा सरकार के पहले वर्ष 2014-15 में रक्षा मंत्रालय को 2.29 लाख करोड़ रुपये दिए गए थे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस वर्ष 1 फरवरी को पेश 2025/26 के बजट में सशस्त्र बलों के लिए रिकॉर्ड 6.81 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किए थे। यह आवंटन 2024-25 के 6.22 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 9.2 प्रतिशत अधिक था।
रक्षा बजट 50 हजार करोड़ रुपये बढ़ाने की तैयारी कर रहा भारत, सेना के लिए खरीदे जाएंगे हथियार
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