नईदिल्ली (ए)। भारत और इजरायल के रक्षा संबंधों ने अब एक नई ऊंचाई छू ली है। भारतीय रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी NIBE लिमिटेड को इजरायल की एक अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी कंपनी से 1.75 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निर्यात ऑर्डर मिला है। इस डील के तहत भारत यूनिवर्सल रॉकेट लॉन्चर का निर्माण करेगा जिसकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर तक है। यह सौदा भारत के लिए न सिर्फ रणनीतिक रूप से अहम है बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को भी मजबूती देता है।
क्या है यूनिवर्सल रॉकेट लॉन्चर?
यह एक अत्याधुनिक हथियार प्रणाली है जिसे आधुनिक युद्ध की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है। इसकी खासियत है इसकी लंबी दूरी की मारक क्षमता, तेज़ लॉन्चिंग तकनीक और मल्टीपल रॉकेट फायरिंग की क्षमता। 300 किलोमीटर तक दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने में सक्षम यह लॉन्चर विश्व स्तरीय मानकों पर खरा उतरता है। यही वजह है कि इसे अब अंतरराष्ट्रीय रक्षा बाजार में उतारा जा रहा है और इजरायल जैसी हाईटेक डिफेंस टेक्नोलॉजी रखने वाले देश ने भी इसे हाथों-हाथ लिया है।

भारत की डिफेंस इंडस्ट्री की बड़ी छलांग
यह पहली बार है जब भारत की किसी निजी रक्षा कंपनी को इजरायल जैसे सशक्त देश को अत्याधुनिक हथियार एक्सपोर्ट करने का अवसर मिला है।
NIBE लिमिटेड ने इसे ‘ऐतिहासिक उपलब्धि’ बताया है। कंपनी के मुताबिक यह डील न केवल उनके लिए गर्व की बात है बल्कि भारत के लिए भी यह वैश्विक रक्षा उद्योग में एक नई शुरुआत है।
क्यों खास है ये डील?
- यह भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर है।
- यह दर्शाता है कि भारत अब केवल आयातक नहीं बल्कि उच्च गुणवत्ता का रक्षा निर्यातक बन रहा है।
- इनोवेशन और आत्मनिर्भरता की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।
- इससे भारत की रणनीतिक स्थिति वैश्विक मंच पर और मज़बूत होगी।
- देश की रक्षा निर्माण क्षमताएं अब अंतरराष्ट्रीय मांगों के अनुरूप साबित हो रही हैं।
NIBE लिमिटेड कौन है?
एनआईबीई लिमिटेड एक अग्रणी भारतीय रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी है जो अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों के विकास, निर्माण और एकीकरण में माहिर है। यह कंपनी न केवल भारतीय सेना के लिए बल्कि अब वैश्विक बाजारों के लिए भी रक्षा प्रणालियों का निर्माण कर रही है।
कंपनी का जोर नई तकनीक, स्वदेशी उत्पादन और वैश्विक साझेदारी पर है जिससे भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूती मिल रही है।भारत-इजरायल रक्षा सहयोग क्यों अहम?
भारत और इजरायल के बीच पिछले कुछ वर्षों में रक्षा सहयोग बहुत तेज़ी से बढ़ा है। दोनों देश एक-दूसरे के तकनीकी सहयोगी बनकर उभरे हैं। इस डील से यह स्पष्ट हो गया है कि अब भारत केवल खरीददार नहीं, हथियारों का आपूर्तिकर्ता भी बन रहा है।