
वैश्विक कनेक्टिविटी को कवर करने का प्रयास
वह कहते हैं कि भारतीय डाक आधुनिक निर्यातकों की जरूरतों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार लाजिस्टिक्स में अंतर को पाटने और एसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए स्वयं को उनकी जरूरतों के अनुरूप ढाल भी रहा है। जाहिर है, डाक विभाग के लिए निर्यात का क्षेत्र नया है। इसलिए वह लाजिस्टिक्स की आवश्यकताओं को समझने के लिए ई-कामर्स प्रमुखों एवं प्रमुख निर्यातकों से भी लगातार संपर्क कर रहा है। निर्यात के लिए भेजे गए माल की एंड टू एंड ट्रैकिंग, सीमा शुल्क सुविधा के साथ वैश्विक कनेक्टिविटी को कवर करने का प्रयास किया जा रहा है।
20 किलो तक माल 135 देशों में जा रहा
इस अवसर पर डाक विभाग ने निर्यातकों को बताया कि उसने 70 देशों में एक्सप्रेस मेल सेवाएं शुरू की हैं, जिसमें 35 किलो तक माल भेजा जा रहा है। 46 देशों के लिए शुरू की गई अंतरराष्ट्रीय ट्रैक पैकेट सेवाओं में पांच किलो तक माल भेजा जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय एयर पार्सल सेवा में 20 किलो तक माल 135 देशों में जा रहा है। अमिताभ सिंह के अनुसार इन सेवाओं का लाभ ज्यादातर वे छोटे उद्यमी उठा रहे हैं, जो निर्यात की जटिल प्रक्रिया से गुजरना नहीं चाहते।