
श्रीनगर(ए)। जम्मू और कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने तीन सरकारी कर्मचारियों को आतंकवाद संबंधी गतिविधियों के आरोप में बर्खास्त किया है। इन कर्मचारियों में एक पुलिस कांस्टेबल, एक शिक्षक और एक वन विभाग का कर्मचारी शामिल हैं। आरोप है कि इन तीनों पर आतंकी गतिविधियों में हथियारों का इंतजाम करना, आतंकी हमलों के लिए निशाने बताना और घाटी में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़काना शामिल है। ये सब काम पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में बैठे आकाओं के इशारे पर किया गया। निकाले गए तीन कर्मचारियों में पुलिस कांस्टेबल फिरदौस अहमद भट, टीचर मोहम्मद अशरफ भट और वन विभाग का कर्मचारी निसार अहमद खान शामिल हैं। इन्हें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 2(c) के तहत बर्खास्त किया गया है। फिरदौस और अशरफ इस समय अलग-अलग आतंकी मामलों में जम्मू के कोट भलवाल जेल और रियासी जिले की जेल में बंद हैं। निसार को पहले ही आठ महीने तक पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत हिरासत में रखा जा चुका है। एलजी ने जम्मू में एक सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता के एक दिन बाद बर्खास्तगी के आदेश पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज करने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा था कि सिर्फ आतंकवादियों को खत्म करने पर ही ध्यान केंद्रित न किया जाए, बल्कि पूरे आतंकी तंत्र को ध्वस्त किया जाए। इस तंत्र में आतंकवाद के समर्थक, मुखबिर और हिंसा फैलाने वाले लोग शामिल हैं, जो जम्मू-कश्मीर प्रशासन में घुसपैठ कर चुके हैं।
2005 में एसपीओ नियुक्त किया गया
जम्मू-कश्मीर पुलिस कांस्टेबल फिरदौस अहमद भट को 2005 में स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) के रूप में नियुक्त किया गया था। वह 2011 में कांस्टेबल बने। उन्हें जम्मू-कश्मीर पुलिस की इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस यूनिट में तैनात किया गया था, लेकिन वह लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करने लगे। फिरदौस को मई 2024 में अनंतनाग में गैर-स्थानीय लोगों और पर्यटकों पर हमले की साजिश रचने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
