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नईदिल्ली(ए)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने तटरक्षक के पूर्व महानिदेशक (डीजी) के. नटराजन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। उन पर वरिष्ठ अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) डोजियर से छेड़छाड़ करने का आरोप है। दाअसल, रक्षा मंत्रालय ने सीबीआई को एक संदर्भ भेजा था, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों के गोपनीय व्यक्तिगत रिकॉर्ड में कथित हेराफेरी के बारे में जानकारी दी गई थी। इसके बाद एजेंसी ने पिछले साल अप्रैल में प्रारंभिक जांच शुरू की थी।
प्रारंभिक जांच में अहम सबूत हाथ लगे
सीबीआई ने करीब 10 महीने की प्रारंभिक जांच के बाद पाया कि कई अधिकारियों की एसीआर फाइल में छेड़छाड़ की गई थी, जबकि कुछ अधिकारियों के नॉन इनिशिएशन सर्टिफिकेट (एनआईसी) गायब पाए गए। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि एनआईसी सही व्यवस्था में नहीं पाए गए, क्योंकि वे संबंधित अधिकारी के स्थानांतरण और पदस्थापना विवरण के अनुरूप नहीं हैं। इसके अलावा रिपोर्टिंग अवधि बीतने के तीन-चार साल बाद एनआईसी जमा किए गए।
सीबीआई ने करीब 10 महीने की प्रारंभिक जांच के बाद पाया कि कई अधिकारियों की एसीआर फाइल में छेड़छाड़ की गई थी, जबकि कुछ अधिकारियों के नॉन इनिशिएशन सर्टिफिकेट (एनआईसी) गायब पाए गए। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि एनआईसी सही व्यवस्था में नहीं पाए गए, क्योंकि वे संबंधित अधिकारी के स्थानांतरण और पदस्थापना विवरण के अनुरूप नहीं हैं। इसके अलावा रिपोर्टिंग अवधि बीतने के तीन-चार साल बाद एनआईसी जमा किए गए।
मामला कैसे सामने आया?
मामला तब उजागर हुआ, जब तटरक्षक बल के महानिरीक्षक राकेश पाल ने सात जून 2021 को इस बाबत रक्षा सचिव को एक अभ्यावेदन भेजा। उन्होंने अपने एसीआर और डोजियर में संख्यात्मक मूल्यांकन में कथित रूप से जानबूझकर कमी का मुद्दा उठाया, जिससे उन्हें अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) के पद पर संभावित पदोन्नति से वंचित किया जा सके।
मामला तब उजागर हुआ, जब तटरक्षक बल के महानिरीक्षक राकेश पाल ने सात जून 2021 को इस बाबत रक्षा सचिव को एक अभ्यावेदन भेजा। उन्होंने अपने एसीआर और डोजियर में संख्यात्मक मूल्यांकन में कथित रूप से जानबूझकर कमी का मुद्दा उठाया, जिससे उन्हें अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) के पद पर संभावित पदोन्नति से वंचित किया जा सके।
तथ्यान्वेषी समिति गठित की थी
मंत्रालय ने सितंबर 2019 से एडीजी के पद पर पदोन्नति के लिए विचाराधीन महानिरीक्षकों या अतिरिक्त महानिदेशकों की पिछले सात वर्षों (2014 से बाद) की एसीआर की जांच के लिए एक तथ्यान्वेषी समिति गठित की थी।
मंत्रालय ने सितंबर 2019 से एडीजी के पद पर पदोन्नति के लिए विचाराधीन महानिरीक्षकों या अतिरिक्त महानिदेशकों की पिछले सात वर्षों (2014 से बाद) की एसीआर की जांच के लिए एक तथ्यान्वेषी समिति गठित की थी।