नई दिल्ली(ए)। संसद का बजट सत्र शुरू होने से पहले ही सत्ता पक्ष और विपक्ष ने सत्र की ‘पटकथा’ लिख दी है। संसद के शीतकालीन सत्र में हुए हंगामे की चर्चा अब तक हो रही है। इसके चलते सरकार बजट सत्र को लेकर आशंकित है। यही वजह है कि सत्ता पक्ष एनडीए इस बार आक्रमक रणनीति बनाता दिख रहा है। वक्फ संशोधन एक्ट पर सरकार झुकने को तैयार नहीं है। वहीं लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को स्टेट ऑफ इंडिया से लड़ाई वाले बयान पर उनको घेरने की रणनीति बन गई है।
बता दें कि कांग्रेस समेत विपक्ष संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर पर गृह मंत्री अमित शाह का बयान, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयानों पर बीजेपी को घेर सकता है। दोनों ही पक्षों ने अपने तेवर दिखाकर संकेत दे दिए हैं कि कोई किसी से कम नहीं रहने वाला है, ऐसे में बजट सत्र हंगामेदार हो सकता है। संसद को सुचारू चलाने के लिए सरकार ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बजट सत्र 31 जनवरी को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण से शुरू होगा।
1 फरवरी को निर्मला सीतारमण बजट करेंगी पेश
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का बजट पेश करेंगी। बता दें कि संसद के बजट सत्र का पहला भाग 31 जनवरी से 13 फरवरी तक होगा। वहीं सत्र का दूसरा भाग 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार ने आगामी संसद सत्र में विपक्षी नेताओं का सहयोग और सुचारू चर्चा सुनिश्चित करने के लिए 30 जनवरी को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
सत्र में ये होंगे मुख्य काम
राष्ट्रपति का अभिभाषण – 31 जनवरी
आर्थिक समीक्षा पेश होगी – 31 जनवरी
बजट पेश होगा – 1 फरवरी
नया आयकर कानून आ सकता है
वक्फ कानून में संशोधन पर जेपीसी की रिपोर्ट और नया विधेयक
बढ़ सकता है एक देश-एक कानून पर जेपीसी का समय