गढ़चिरौली (ए)। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में माओवादियों के गढ़ कहे जाने वाले अहेरी और गार्डेवाड़ा में 77 साल में पहली बार राज्य परिवहन की बस सेवा शुरू की गई। गढ़चिरौली में ही बुधवार को कुख्यात नक्सली विमला चंद्र सिदाम उर्फ तारक्का समेत 1.03 करोड़ रुपये के इनामी 11 नक्सलियों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने आत्मसमर्पण किया। इस दौरान फडणवीस ने कहा, महाराष्ट्र जल्दी ही नक्सल समस्या से मुक्त हो जाएगा। अहेरी और गार्डेवाड़ा में बस सेवा शुरू होने के ऐतिहासिक मौके पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने भी बस में सफर किया। बुधवार सुबह गढ़चिरौली जिले में मुख्यमंत्री फड़णवीस सीधे ताड़गुड़ा ब्रिज पहुंचे। उन्होंने गट्टा-गार्डेवाड़ा-वांगेटुरी सड़क और ताड़गुड़ा पुल का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने पेंगुंडा में जवानों और ग्रामीणों से बातचीत की। यह इलाका बेहद दुर्गम माना जाता है।
आत्मसमर्पण करने वालों में 8 महिलाएं और तीन पुरुष शामिल
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में 8 महिलाएं और तीन पुरुष शामिल हैं। इनमें दंडकारण्य जोनल कमेटी के प्रमुख और भूपति की पत्नी तारक्का (62) शामिल है, जो पिछले 38 वर्षों से नक्सलवादी आंदोलन में सक्रिय है। तारक्का पर 25 लाख रुपये का इनाम है। उसके खिलाफ कुल 66 केस दर्ज हैं, जिनमें 35 मामले मुठभेड़ और सात आगजनी के हैं। आत्मसमर्पण करने वालों में 3 डिवीजन कमेटी सदस्य, 1 डिप्टी कमांडर, 2 एरिया कमेटी सदस्य हैं। इन सभी को अपना नया जीवन शुरू करने के लिए 86 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी गई।
फडणवीस ने नक्सल विरोधी अभियानों में बहादुरी के लिए सी-60 कमांडो और अधिकारियों को सम्मानित भी किया।
पिछले चार साल में एक भी व्यक्ति को अपने साथ नहीं जोड़ पाए नक्सली
इस मौके पर सीएम फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व व गढ़चिरौली पुलिस-प्रशासन के संयुक्त प्रयासों की बदौलत पिछले चार वर्षों में नक्सली गढ़चिरौली में एक भी व्यक्ति को अपने साथ नहीं जोड़ पाए। शीर्ष माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं और मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। फडणवीस ने कहा कि आने वाले समय में गढ़चिरौली को स्टील सिटी का दर्जा मिलेगा।