नई दिल्ली(ए)। अनुकूल मानसून के कारण देश 2025 में अनाज उत्पादन में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है। हालांकि, दलहन व तिलहन उत्पादन में महत्वपूर्ण चुनौतियां बनी हुई हैं, क्योंकि कृषि क्षेत्र में मजबूत सुधार के संकेत दिख रहे हैं। कृषि मंत्रालय के शुरुआती अनुमान अनुकूल तस्वीर पेश करते हैं। इसके तहत जून, 2025 को समाप्त होने वाले फसल वर्ष 2024-25 के लिए खरीफ अनाज उत्पादन रिकॉर्ड 16.47 करोड़ टन पहुंचने का अनुमान है।
कृषि क्षेत्र में 4% तक वृद्धि की उम्मीद
कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने कहा, कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 2024-25 में 3.5-4 फीसदी रहने का अनुमान है, जो बीते वित्त वर्ष में 1.4 फीसदी थी। सचिव ने कहा, सामान्य बारिश के कारण खरीफ की फसल अच्छी रही। कुल मिलाकर, पूरे वर्ष के लिए फसल की संभावना आशाजनक दिख रही है। हालांकि, फरवरी-मार्च में संभावित गर्मी की लहर सर्दियों की गेहूं की फसल को प्रभावित कर सकती है।
कृषि अर्थशास्त्री एस महेंद्र देव ने कहा, कृषि क्षेत्र में इस वृद्धि की प्रमुख वजह अच्छा मानसून और ग्रामीण मांग में सुधार है। यह वृद्धि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में बाढ़ व सूखे की वजह से फसलों के प्रभावित होने के बावजूद हुई है। जलवायु परिवर्तन से प्रेरित मौसम संबंधी विसंगतियों ने विशेष रूप से कुछ क्षेत्रों में प्याज और टमाटर की पैदावार को प्रभावित किया है। आगे भी राह आसान नहीं है।
कृषि मंत्रालय ने अपने अनुमान में कहा, सर्दियों की फसल की बुवाई में लगातार प्रगति हुई है। दिसंबर, 2024 के मध्य तक 2.93 करोड़ हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई है। इस दौरान कुल रबी (सर्दियों) की फसलें 5.58 करोड़ हेक्टेयर में फैली हैं। बागवानी क्षेत्र ने भी उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है। फलों और सब्जियों का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है।