ईटानगर(ए)। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि सियांग अपर बहुउद्देशीय परियोजना (एसयूएमपी) से न सिर्फ बिजली पैदा होगी, बल्कि चीन की ओर से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने पर स्थिति में बाढ़ का जोखिम भी कम किया जा सकेगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1.13 लाख करोड़ रुपये है और केंद्र सरकार इसकी योजना बना रही है। खांडू का यह बयान चीन की ओर से तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर 137 बिलियन डॉलर की लागत से दुनिया के सबसे बड़े बांध के निर्माण को मंजूरी दिए जाने के बाद आया है। यह बांध भारतीय सीमा के पास हिमालयी क्षेत्र में एक विशाल घाटी में बनाया जाएगा, जहां ब्रह्मपुत्र नदी अरुणाचल प्रदेश और फिर बांग्लादेश में बहने के लिए एक बड़ा यू-टर्न लेती है। खांडू ने कहा कि एसयूएमपी से 11,000 मेगावाट की बिलजी का उत्पादन होगा। इसका वास्तविक उद्देश्य सियांग नदी और उन समुदायों को बचाना है, जो पीढ़ियों से इस पर निर्भर हैं।
बफर के रूप में काम करेगा बांध
खांडू ने कहा, प्रस्तावित सियांग परियोजना के तहत एक बांध का निर्माण होगा, जो 9 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी का भंडारण करने में सक्षम होगा। इससे नदी में सूखे के मौसम में भी निरंतर प्रवाह बना रहेगा। यह बांध ऊपरी चीनी बांधों से अचानक पानी छोड़े जाने की स्थिति में बफर के रूप में कार्य करेगा। इससे अरुणाचल, असम और बांग्लादेश में संभावित रूप से विनाशकारी बाढ़ को रोका जा सकेगा।