Home देश-दुनिया खुशखबरी! भारत का कुल वन और वृक्ष क्षेत्र 1,445 वर्ग किलोमीटर बढ़ा, छत्तीसगढ़ , उत्तर प्रदेश , ओडिशा और राजस्थान ने संयुक्त वन और वृक्ष आवरण में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की

खुशखबरी! भारत का कुल वन और वृक्ष क्षेत्र 1,445 वर्ग किलोमीटर बढ़ा, छत्तीसगढ़ , उत्तर प्रदेश , ओडिशा और राजस्थान ने संयुक्त वन और वृक्ष आवरण में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की

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नई दिल्ली(ए)। देश का एक चौथाई से अधिक हिस्से के हरियाली से आच्छादित होने के पीछे बांस की अहम भूमिका है। भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर)-2023 के अनुसार बांस के असर वाले क्षेत्र में वर्ष 2021 के मुुकाबले 5,227 वर्ग किमी अधिक है। भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) के महानिदेशक अनूप सिंह के अनुसार, बांस को वृक्ष आवरण में शामिल करने के बाद हरियाली क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव आया है। देश में बांस-असर वाला क्षेत्र अब 1,54,670 वर्ग किमी हो गया है। पहाड़ी जिलों में वन क्षेत्र में 234.14 वर्ग किमी की बढ़ोतरी हुई है।

अब यहां कुल वन क्षेत्र 2,83,713.20 वर्ग किमी है। साल 1988 के राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार पारिस्थितिकी स्थिरता को बनाए रखने के लिए भौगोलिक क्षेत्र का कम से कम 33 फीसदी वन क्षेत्र होना चाहिए। देश के आठ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों जिसमें त्रिपुरा, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, अंडमान निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, में 75 फीसदी से ज्यादा इलाकों में जंगल है। इसके अनुसार देश के 19 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं जहां 33 फीसदी से ज्यादा भौगोलिक क्षेत्र वन से आच्छादित है। इस बार के आकलन में कृषि वानिकी के तहत आने वाले पेड़ों को भी भी शामिल किया गया है। इसमें वह पेड़ शामिल हैं, जिन्हें पहली बार उगाया गया है। इसमें झाड़ीदार क्षेत्र 43,622 वर्ग किमी और गैर वन क्षेत्र,24,16,489 वर्ग किमी में विस्तार लिए हैं, यानी 73.50 फीसदी में फैला हुआ है।

पश्चिमी घाट और पूर्वी राज्य क्षेत्र में घटा वन आवरण
एफएसआई ने बीते दशक में पश्चिमी घाट और पूर्वी राज्य क्षेत्र (डब्ल्यूजीईएसए) में वन आवरण में हुए बदलावों का भी विश्लेषण किया और पाया कि कुल मिलाकर वन आवरण में 58.22 वर्ग किमी की कमी आई है। इस अवधि के दौरान, बहुत घने वनों में 3,465.12 वर्ग किमी की वृद्धि, वहीं मध्यम घने वनों और खुले वनों में क्रमशः 1,043.23 वर्ग किमी और 2,480.11 वर्ग किमी की कमी दर्ज की गई।

वनावरण  में मिजोरम शीर्ष पर
अकेले वन क्षेत्र की बात करें, तो सर्वाधिक वृद्धि मिजोरम (242 वर्ग किमी), गुजरात (180 वर्ग किमी) और फिर ओडिशा (152 वर्ग किमी) में हुई। हालांकि फीसदी के लिहाज से लक्षद्वीप 91.33 फीसदी के साथ शीर्ष पर है। मिजोरम में 85.34 और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में 81.62 फीसदी की वृद्धि रही।

क्षेत्रफल की दृष्टि से सर्वाधिक वनावरण वाले शीर्ष तीन राज्य हैं : मध्य प्रदेश (77,073 वर्ग कि.मी.), अरुणाचल प्रदेश (65,882 वर्ग कि.मी.) और छत्तीसगढ़ (55,812 वर्ग किमी) हैं।

पूर्वोत्तर भारत में घटा वन क्षेत्र
आईएसएफआर की रिपोर्ट कहती हैं कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में वन क्षेत्र में 327.30 वर्ग किलोमीटर की कमी देखी गई है। इस क्षेत्र में कुल वन और वृक्ष क्षेत्र 1,74,394.70 वर्ग किलोमीटर है,जो क्षेत्र के भौगोलिक क्षेत्र का 67 फीसदी है।

हरियाली बढ़ाने में यूपी देश में दूसरे स्थान पर
यूपी के हरित क्षेत्र में 1.38 लाख हेक्टेयर (559.19 वर्ग किमी) की वृद्धि हुई है। हरित आवरण में वृद्धि में देश में छत्तीसगढ़ के बाद उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है। भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर)-2023 रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश का वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग किमी (9.73%) से बढ़कर 23996.72 वर्ग किमी (9.96%) हो गया है। इसे पिछले 7-8 वर्षों में यूपी में बड़े पैमाने पर योगी सरकार के कराए पौधरोपण का नतीजा माना जा रहा है।

भारतीय वन सर्वेक्षण देहरादून ने शनिवार को वन स्थिति रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के वनावरण व वृक्षावरण में दो वर्ष में 559.19 वर्ग किमी यानी करीब 138179 एकड़ की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्रफल की 0.23 प्रतिशत है। देशभर के वन क्षेत्र पर आईएसएफआर हर दो साल पर यह रिपोर्ट जारी करता है।

पहले था करीब सवा छह फीसदी आवरण
उत्तर प्रदेश का वनावरण 14927.37 वर्ग किमी (6.20%) से बढ़कर 15045.80 वर्ग किमी (6.88%) हो गया है। उत्तर प्रदेश में वन क्षेत्र के बाहर वृक्षावरण 8510.16 वर्ग किमी (3.53%) से बढ़कर 8950.92 वर्ग किमी (3.72%) हो गया है। इस तरह से वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग किमी (9.73%) से बढ़कर 23996.72 वर्ग किमी (9.96%) हो गया ।

सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान
नया उत्तर प्रदेश हरित उत्तर प्रदेश बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। वन और वृक्ष आच्छादन की एतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर एक पेड़ मां के नाम और भारतीय दर्शन भाव से प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मैंग्रोव, मध्यम घने और खुले वनों में आई कमी
देश का कुल मैंग्रोव यानी सदाबहार वृक्ष आवरण 4,991.68 वर्ग किलोमीटर है। इसमें 2021 से 7.43 वर्ग किलोमीटर की शुद्ध कमी दर्ज की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुत घने जंगल में बढ़ोतरी के बावजूद बीते दशक में मध्यम घने वन और खुले वन श्रेणियों में क्रमशः 1,043.23 वर्ग किलोमीटर और 2,480.11 वर्ग किलोमीटर की गिरावट दर्ज की गई।नावरण रिपोर्ट (2023 और 2021)

श्रेणी 2023 (वर्ग किमी) 2021 (वर्ग किमी)
अति सघन वन 2,688.73 2,655.29
मध्यम सघन वन 4,001.41 3,995.53
खुला वन 8,355.66 8,276.55
कुल योग 15,045.80 (6.24%) 14,927.37 (6.20%)
वृक्षावरण 8,950.92 (3.72%) 8,510.16 (3.53%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23,996.72 (9.96%) 23,437.53 (9.73%)
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