नई दिल्ली(ए)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि राज्य विमान टरबाइन ईंधन को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने पर सहमत नहीं हैं। उन्होंने यहां 55वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ”राज्य इस बारे में सहज नहीं थे। वे एटीएफ नहीं चाहते थे, क्योंकि वे इसे कच्चे पेट्रोलियम-डीजल उत्पाद की श्रेणी में देखते हैं और इसलिए उन्होंने कहा कि इसे अकेले नहीं हटाया जा सकता। इसलिए इस पर यथास्थिति बनी हुई है।”
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि बीमा प्रीमियम पर जीएसटी में कमी के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया, क्योंकि मंत्रियों के समूह (जीओ) को इस मुद्दे का अध्ययन करने के लिए अधिक समय की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि बीमा नियामक इरडा सहित कई पक्षों से सुझावों का इंतजार है। उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी परिषद ने दर युक्तिकरण के संबंध में निर्णय को भी स्थगित कर दिया है, क्योंकि जीओएम को व्यापक अध्ययन के लिए अधिक समय की जरूरत है।
एसीसी ब्लॉक पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “50 प्रतिशत से अधिक फ्लाई ऐश वाले एसीसी ब्लॉक पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा…काली मिर्च, चाहे वह ताजी हरी काली मिर्च हो या सूखी काली मिर्च और किशमिश, जब किसान द्वारा आपूर्ति की जाती है, तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा…ऋण शर्तों का पालन न करने पर बैंकों और एनबीएफसी द्वारा वसूले जाने वाले दंडात्मक शुल्क या लेवी पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा।”
निर्मला सीतारमण ने कहा, “फोर्टिफाइड चावल की गुठली की दर घटाकर 5% की गई। जीन थेरेपी जो जीवन रक्षक बीमारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, उसे छूट दी गई है। लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एलआर-एसएएम) प्रणाली रक्षा में बहुत महत्वपूर्ण है। हमने सिस्टम, सब-सिस्टम, उपकरण, टूल, सॉफ्टवेयर को दी जाने वाली जीएसटी छूट को बढ़ाने का फैसला किया है। छूट को और आगे बढ़ाया गया है…व्यापारी निर्यातकों को आपूर्ति पर मुआवजा उपकर की दर को घटाकर 0.1% किया गया है, जो ऐसी आपूर्ति पर जीएसटी दर के बराबर है।”