Home देश-दुनिया 11 करोड़ से ज्यादा निष्क्रिय जनधन खातों में पड़े हैं 14,750 करोड़, सरकार ने राज्यसभा में दी जानकारी

11 करोड़ से ज्यादा निष्क्रिय जनधन खातों में पड़े हैं 14,750 करोड़, सरकार ने राज्यसभा में दी जानकारी

by admin
नई दिल्ली(ए)। प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत कुल 54.03 करोड़ खाते खोले गए हैं और इनमें से 11.30 करोड़ अकाउंट निष्क्रिय हैं। राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि निष्क्रिय खातों में 20 नवंबर, 2024 तक 14,750 करोड़ रुपये पड़े हुए थे।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निष्क्रिय जनधन खातों की बात करें तो मार्च, 2017 में यह आंकड़ा 39.62 प्रतिशत था जो नवंबर, 2024 में घटकर 20.91 प्रतिशत हो गया। आरबीआइ के दिशानिर्देशों के अनुसार, अगर अकाउंट में दो साल से अधिक समय तक ग्राहक किसी तरह का लेनदेन नहीं करता है तो उसे निष्क्रिय मान लिया जाता है। 

43 एंटी डंपिंग जांच शुरू

वाणिज्य मंत्रालय के तहत व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने 2024 में अब तक विभिन्न उत्पादों के खिलाफ 43 एंटी डंपिंग जांच शुरू की है। वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि जिन देशों के खिलाफ ये जांच शुरू की गई हैं, उनमें चीन, रूस, ताइवान और जापान शामिल हैं। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि 31 अक्टूबर तक स्टार्टअप इंडिया फंड स्कीम के तहत 213 इनक्यूबेटरों का चयन किया गया है, जिनकी कुल स्वीकृत निधि 902.74 करोड़ रुपये है और अधिकृत इनक्यूबेटरों ने इस योजना के तहत समर्थन के लिए 2,490 स्टार्टअप का चयन किया है। कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि सरकार ने नवाचार और कृषि उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत पिछले पांच सालों में 1,700 से अधिक कृषि स्टार्टअप को 122.50 करोड़ रुपये जारी किए हैं। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत 2018-19 में लागू किए गए इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्टार्टअप को पोषित करने के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करके नवाचार और कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देना है। 

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए 3.16 लाख करोड़

वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को संसद में बताया कि 30 सितंबर तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 3.16 लाख करोड़ रुपये थीं और यह उनके बकाया कर्जों का 3.09 प्रतिशत है। आरबीआइ के आंकड़ों के अनुसार, 30 सितंबर, 2024 तक पीएसबी और निजी क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए क्रमश: 3,16,331 करोड़ रुपये और 1,34,339 करोड़ रुपये था। चौधरी ने कहा कि 50 करोड़ से अधिक बकाये वाले 580 लोगों को विलफुल डिफाल्टर के तौर पर वर्गीकृत किया गया है।

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