नई दिल्ली (ए)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया के प्राचीनतम बंदरगाह लोथल को भारत की संवृद्ध विरासत का हिस्सा बताते हुए यहां प्रस्तावित राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर को इसे सहेजने की पहल बताया है।
सोशल मीडिया लिंकडिन पर लिखे पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा कि हजारों साल पहले यह बंदरगाह वस्तुओं के साथ-साथ दुनिया की सभ्यताओं और विचारों के मिलन का सजीव केंद्र हुआ करता था।
केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर बनाने को हरी झंडी दी
पिछले हफ्ते केंद्रीय कैबिनेट ने यहां राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर बनाने को हरी झंडी दी थी। प्रधानमंत्री ने आजादी के बाद दशकों तक भारत की प्राचीन धरोहरों के सहेजने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किये जाने को दुखद बताया। उनके अनुसार लोथल में राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर (एनएमएचसी) को न केवल भारत की संवृद्ध और विविध समुद्री धरोहर को प्रदर्शित करने, बल्कि लोथल को एक विश्वस्तरीय अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में उभरने में मदद करेगा। इसके साथ ही पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देने से इस क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रस्तावित प्लान के अनुसार हड़प्पा कालीन वास्तुकला और जीवन शैली को फिर से जीवंत करने के लिए लोथल मिनी रिक्रिएशन, चार थीम पार्क – मेमोरियल थीम पार्क, समुद्री और नौसेना थीम पार्क, जलवायु थीम पार्क और साहसिक और मनोरंजन थीम पार्क; दुनिया का सबसे ऊंचा लाइटहाउस संग्रहालय; हड़प्पा काल से लेकर अब तक भारत की समुद्री धरोहर पर प्रकाश डालने वाली दीर्घाएं और तटीय राज्यों के मंडप भी तैयार किये जाएंगे, जिनमें वहां की विविध समुद्री धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा।
कैबिनेट ने गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर के विकास को दी मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) के विकास को मंजूरी दे दी। यह प्रोजेक्ट दो चरणों में पूरा किया जाएगा। इस परियोजना के विकास में 15,000 प्रत्यक्ष रोजगार और 7,000 अप्रत्यक्ष रोजगार के साथ लगभग 22,000 नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है।
केंद्रीय कैबिनेट ने मास्टर प्लान के अनुसार स्वैच्छिक संसाधनों और योगदान के माध्यम से धन जुटाकर और धन जुटाने के बाद उनके निष्पादन के लिए फेज 1 बी और फेज 2 के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। उल्लेखनीय है, चरण 1बी के तहत लाइट हाउस संग्रहालय के निर्माण को लाइटहाउस और लाइटशिप महानिदेशालय (DGLL) द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।
लोथल में एनएमएचसी के कार्यान्वयन, विकास, प्रबंधन और संचालन के लिए सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री की अध्यक्षता में एक गवर्निंग काउंसिल द्वारा शासित होने वाले भविष्य के चरणों के विकास के लिए एक अलग सोसायटी की स्थापना की जाएगी।