शिमला (ए)। हिमाचल के शिमला जिले के चौपाल ब्लॉक में स्थित मड़ावग गांव ने सेब की बागवानी से अपनी किस्मत बदल दी है। अब यह गांव प्रति व्यक्ति आय में एशिया का सबसे अमीर गांव बन गया है। इस गांव के 470 परिवारों के हर घर के पास सेब के बगीचे हैं। यहां की सेब की कमाई से हर परिवार करोड़पति बन गया है।
प्रधान प्रेम डोगरा के अनुसार, बैंकों में हर परिवार के औसतन 75 लाख रुपए से ज्यादा जमा हैं। सेब के पौधों को ओलों से बचाने के लिए लाखों रुपए की नेट लगाई जाती है। बीडीसी सदस्य हेमंत बताते हैं कि पिछले 5-7 सालों में मड़ावग के लोगों ने बंजर जमीन को सेब के बगीचों में बदल दिया है और अब यहां पुराने और विदेशी किस्मों के सेब उगाए जाते हैं।
बता दें मड़ावग गांव के लोग नई तकनीकों का उपयोग करके सेब की खेती करते हैं। यहां के किसान इंटरनेट के जरिए विदेशों से भी जानकारी प्राप्त करते रहते हैं और बाजार के भाव के आधार पर ही सेब बेचते हैं। गांव के बुजुर्गों ने सेब उत्पादन की शुरुआत की थी, और युवाओं ने मेहनत और आधुनिक तकनीक से इसका विकास किया। युवाओं ने सरकारी नौकरी के बजाय सेब उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किया और आधुनिक तरीकों से खेती की। इस समय, मड़ावग में विदेशी किस्मों के सेब सफलतापूर्वक उगाए जा रहे हैं। यहां के सेब चीन, अमेरिका, न्यूजीलैंड और इटली की किस्मों को टक्कर देने में सक्षम हैं।
मड़ावग के सेब देश की प्रमुख मंडियों जैसे मुंबई, अहमदाबाद और कोलकाता में बहुत मांग में हैं, और विदेशों में भी निर्यात किए जाते हैं। ट्रॉपिकाना कंपनी के एप्पल जूस में मड़ावग के कुछ सेब किस्मों को प्राथमिकता दी जाती है। यह सब गांव के बागवानों की मेहनत और लगन का परिणाम है।