नई दिल्ली(ए)। बांग्लादेश में हालिया राजनीतिक संकट और हिंसा के बीच पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और एक अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है। शेख हसीना ने इस इस्तीफे के साथ एक बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि उन्हें सत्ता से हटाने के लिए एक बड़ी साजिश की गई थी और इस साजिश का मुख्य आरोप अमेरिका पर लगाया है। हसीना का कहना है कि अमेरिका ने सेंट मार्टिन द्वीप को लेकर उन्हें सत्ता से बेदखल करने की योजना बनाई थी, क्योंकि इस द्वीप पर नियंत्रण अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद कर सकता था। उन्होंने बांग्लादेश के लोगों से अपील की है कि वे कट्टरपंथियों के प्रभाव में न आएं।
शेख हसीना ने अपने करीबी सहयोगियों के जरिए भेजे गए संदेश में खुलासा किया कि 5 अगस्त को छात्रों द्वारा किए गए हिंसात्मक विरोध प्रदर्शनों के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। हसीना का दावा है कि अगर वे सत्ताधारी बनी रहतीं, तो उन्हें सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता अमेरिका को सौंपनी पड़ती। उनका कहना है कि यह कदम अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद करता।हसीना ने देशवासियों से अपील की है कि वे कट्टरपंथियों के बहकावे में न आएं और देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए सजग रहें।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी इस्तीफे की वजह केवल आंतरिक अशांति नहीं, बल्कि बाहरी दबाव भी था, जिसे वे बर्दाश्त नहीं कर सकती थीं। इस संदेश के जरिए हसीना ने अपने समर्थकों को यह संदेश देने की कोशिश की है कि उनका इस्तीफा देश के भविष्य और उसकी संप्रभुता के लिए था, न कि केवल सत्ता से हटने की वजह से।
माइकल कुगेलमैन की प्रतिक्रिया
विल्सन सेंटर में दक्षिण एशिया संस्थान के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने शेख हसीना के आरोपों को खारिज किया है। कुगेलमैन ने कहा कि बांग्लादेश में अशांति और विरोध प्रदर्शन के लिए विदेशी हस्तक्षेप की बजाय आंतरिक कारक जिम्मेदार हैं। उनके अनुसार, शेख हसीना की सरकार द्वारा छात्रों पर की गई सख्ती और सरकार की नीतियों से असंतोष के कारण आंदोलन बढ़ा। कुगेलमैन ने कहा कि यह संकट पूरी तरह से आंतरिक मुद्दों से प्रेरित था और इसमें किसी भी विदेशी हस्तक्षेप की भूमिका नहीं थी। शेख हसीना ने इस्तीफा देने के बाद अमेरिका पर उन्हें सत्ता से बेदखल करने की साजिश का आरोप लगाया है, जबकि माइकल कुगेलमैन ने इन आरोपों को नकारते हुए बांग्लादेश की आंतरिक समस्याओं को कारण बताया है। हसीना ने अपने संदेश में देशवासियों को कट्टरपंथियों से सावधान रहने की सलाह दी है और अपनी संप्रभुता की रक्षा का आह्वान किया है।