नई दिल्ली(ए)। सावन का महीना, जो कि जुलाई और अगस्त के बीच आता है, हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह माह विशेष रूप से शिव भक्तों के लिए एक पवित्र समय होता है और इस दौरान भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं अगर हम बात करें भगवान शिव के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंग की तो हिंदू धर्म में ज्योतिर्लिंग का अत्यंत महत्व हैं। ये ज्योतिर्लिंग विभिन्न स्थानों पर स्थित हैं और प्रत्येक स्थल पर भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। इन 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा से भक्तों को आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है और इन स्थानों पर जाकर भक्तों की इच्छाएँ पूरी होती हैं। आइए आज यहाँ हम भगवान शिव के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों की सूची और उनके विवरण के बारे में विस्तार से जानते हैं।
1. सोमनाथ (Somnath)
विशेषता: सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में पहला माना जाता है। यह स्थल ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है और यहाँ का मंदिर प्राचीन काल से बहुत ही प्रसिद्ध है।
2. मल्लिकार्जुन (Mallikarjuna)
स्थान: श्रीसैलम, आंध्र प्रदेश
विशेषता: मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश के श्रीसैलम में स्थित है। यहाँ भगवान शिव को मल्लिकार्जुन के रूप में पूजा जाता है और देवी पार्वती को मल्लीका के रूप में पूजा जाता है।
3. महाकालेश्वर (Mahakaleshwar)
स्थान: उज्जैन, मध्य प्रदेश
विशेषता: महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन में स्थित है और यहाँ भगवान शिव को महाकाल के रूप में पूजा जाता है। यह स्थल विशेष रूप से श्रावण मास में महत्वपूर्ण पूजा और उत्सवों के लिए प्रसिद्ध है।
4. ओंकारेश्वर (Omkareshwar)
स्थान: मंदसौर, मध्य प्रदेश
विशेषता: ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित है। यह स्थान नर्मदा नदी के किनारे स्थित है और यहाँ भगवान शिव को ओंकारेश्वर के रूप में पूजा जाता है।
5. विष्णुेश्वर (Vishwanath)
स्थान: अंडा नगर, महाराष्ट्र
विशेषता: विष्णुेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के अंडा नगर में स्थित है। यह शिव के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है और यहाँ भगवान शिव की पूजा विष्णुेश्वर के रूप में की जाती है।
6. रामेश्वर (Rameshwar)
स्थान: रामेश्वरम, तमिल नाडु
विशेषता: रामेश्वर ज्योतिर्लिंग तमिल नाडु के रामेश्वरम में स्थित है। यह स्थल भगवान राम द्वारा स्थापित शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ भगवान शिव को रामेश्वर के रूप में पूजा जाता है।
7. नागेश्वर (Nageshwar)
स्थान: द्वारका, गुजरात
विशेषता: नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारका में स्थित है। इसे द्वारका भी कहा जाता है और यहाँ भगवान शिव के नागेश्वर रूप की पूजा की जाती है।
8. विश्वेश्वर (Vishweshwar)
स्थान: काशी (वाराणसी), उत्तर प्रदेश
विशेषता: विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है। काशी विश्वनाथ मंदिर यहाँ भगवान शिव के विश्वेश्वर रूप के लिए प्रसिद्ध है।
9. पुंडरीक (Pundarik)
स्थान: अंडा नगर, महाराष्ट्र
विशेषता: पुंडरीक ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के अंडा नगर में स्थित है। यह शिव के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है और यहाँ विशेष पूजा की जाती है।
10. त्र्यंबकेश्वर (Trimbakeshwar)
स्थान: त्र्यंबक, नाशिक, महाराष्ट्र
विशेषता: त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नाशिक जिले में स्थित है। यहाँ भगवान शिव के त्र्यंबक रूप की पूजा की जाती है और यह स्थल कर्पूर आरती के लिए प्रसिद्ध है।
11. केदारनाथ (Kedarnath)
स्थान: केदारनाथ, उत्तराखंड
विशेषता: केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड के केदारनाथ में स्थित है। यह स्थल हिमालय के उच्च शिखरों पर स्थित है और यहाँ भगवान शिव के केदारनाथ रूप की पूजा की जाती है।
12. घृष्णेश्वर (Grishneshwar)
स्थान: एलोरा, महाराष्ट्र
विशेषता: घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के एलोरा में स्थित है। यह स्थान अजंता-एलोरा गुफाओं के निकट स्थित है और यहाँ भगवान शिव को घृष्णेश्वर के रूप में पूजा जाता है। इन 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा से भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और इन स्थलों पर जाकर भक्त अपनी भक्ति और श्रद्धा अर्पित करते हैं।