नई दिल्ली(ए)। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि त्योहारों के दौरान बच्चों को शारीरिक दंड से बचाने और भेदभाव रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई की लाए। यह कदम उन खबरों के बाद उठाया गया है जिसमें कहा गया है छात्रों को राखी, तिलक लगाने जैसी प्रथाओं को लेकर उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।देशभर के स्कूल शिक्षा विभागों के प्रमुख सचिवों को संबोधित पत्र में एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि बाल संरक्षण कानूनों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।
पत्र में स्कूलों द्वारा छात्रों की सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों में भागीदारी पर प्रतिबंध लगाने की प्रवृत्ति पर चिंता जताई गई है। इसके कारण बच्चों का अक्सर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न होता है।
आयोग ने कहा कि यह नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम का उल्लंघन है, जो स्कूलों में शारीरिक दंड को प्रतिबंधित करता है।
कानूनगो ने कहा, त्यौहार नजदीक हैं। अधिकारी सुनिश्चित करें कि स्कूलों में बच्चों को शारीरिक दंड या भेदभाव का सामना न करना पड़े। अनुपालन रिपोर्ट 17 अगस्त तक आयोग को प्रस्तुत की जाए।