Home देश-दुनिया 2023-24 में राष्ट्रीय उद्यानों की परियोजनाओं में 280 प्रतिशत की वृद्धि, सरकार ने दी जानकारी

2023-24 में राष्ट्रीय उद्यानों की परियोजनाओं में 280 प्रतिशत की वृद्धि, सरकार ने दी जानकारी

by admin

नई दिल्ली(ए)।  भारत में वन्यजीव अभ्यारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों में अनुशंसित परियोजनाओं की संख्या में 280 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ऐसा संसद में पेश किए गए 2022-23 और 2023-24 के आंकड़ों में बताया गया।  संसद में सोमवार को केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह वन्यजीव अभ्यारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी। केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा को वर्ष 2019 से वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 के तहत वन क्षेत्र को गैर-वानिकी उपयोग के लिए डायवर्ट किया गया। उन्होंने बताया कि पांच सालों में कुल 957.25 वर्ग किलोमीटर या 95,724.99 हेक्टेयर वन क्षेत्र डायवर्ट किया गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2019-20 में देश भर के राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों में 71 परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

इसके बाद वर्ष 2020-21 में यह संख्या 85, वर्ष 2021-22 में 154, वर्ष 2022-23 में 150 तथा वर्ष 2023-24 में बढ़कर 421 हो गई। कीर्तिवर्धन सिंह ने यह भी बताया कि 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2023 के बीच वन भूमि परिवर्तन के 8,731 अनुरोध स्वीकृत किए गए। जिसके अनुसार कुल 95,724.99 हेक्टेयर वन क्षेत्र को गैर-वानिकी उपयोग के लिए अलग रखा गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान गैर-वानिकी उपयोग के लिए सबसे अधिक वन क्षेत्र का परिवर्तन मध्य प्रदेश में हुआ, जहां 22,614.74 हेक्टेयर क्षेत्र का उपयोग किया गया।

 

 

मध्य प्रदेश के बाद ओडिशा में 13,621.95 हेक्टेयर, अरुणाचल प्रदेश में 8,744.78 हेक्टेयर, गुजरात में 7,402.97 हेक्टेयर तथा उत्तर प्रदेश में 6,184.64 हेक्टेयर क्षेत्र का उपयोग किया गया। संसद में प्रस्तुत सरकारी आंकड़ों के अनुसार 179 खनन प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई। इन प्रस्तावों के परिणामस्वरूप इस अवधि में कुल 18,922.98 हेक्टेयर वन भूमि का डायवर्जन हुआ। इन आंकड़ों से पता चला कि 2023-24 में 29,440.39 हेक्टेयर भूमि पर प्रतिपूरक वनरोपण किया गया, हालांकि यह पांच वर्षों में सबसे कम है।

 

वहीं इसकी तुलना में देखा जाए तो वर्ष 2019-20 में 35,718.16 हेक्टेयर, सत्र 2020-21 में 36,000.59 हेक्टेयर, सत्र 2021-22 में 42,151.06 हेक्टेयर और सत्र 2022-23 में 39,263.19 हेक्टेयर पर प्रतिपूरक वनरोपण किया गया।

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