रायपुर। जन समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार अब अफसरों की जिम्मेदारी तय करने जा रही है. मंत्रालय से लेकर जिला स्तर तक नोडल एवं अपीलीय अधिकारियों की नियुक्ति होगी,जो पंद्रह दिन के अंदर आवेदनों का निराकरण करेंगे. छत्तीसगढ़ सरकार का स्लोगन “विष्णु का सुशासन” को चरितार्थ करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
आम तौर पर बेहद शांत और सरल माने जाने वाले मुख्यमंत्री साय ने अभी पिछले दिनों एक साक्षात्कार में कहा था कि सामान्यतः वे बेहद शांत हैं, मगर जनता की समस्याओं के निराकरण में लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर उन्हें गुस्सा आता है. संभवतः इसी परिप्रेक्ष्य में सीएम साय ने मुख्यमंत्री जन चौपाल पोर्टल में मिले समस्याओं के त्वरित और उचित निदान के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत नोडल अधिकारी और अपीलीय अधिकारी की नियुक्ति की जानी है. मंत्रालय स्तर पर अवर सचिव नोडल अधिकारी होंगे जबकि उपसचिव अपीलीय अधिकारी होंगे. इसी तरह जिला स्तर पर डिप्टी कलेक्टर अथवा संयुक्त कलेक्टर नोडल अफसर होंगे और अपर संचालक को अपीलीय अधिकारी का दायित्व मिलने जा रहा है. जबकि संचालनालय स्तर पर सहायक संचालक नोडल अफसर होंगे और अपर कलेक्टर अपीलीय अधिकारी होंगे.
साय सरकार ने जनता से मिले आवेदनों का गुणवत्तापूर्वक और त्वरित गति से निराकरण के लिए अफसरों को केवल पंद्रह दिन का समय देना निर्धारित किया है. संबंधित विभाग अथवा शाखा के द्वारा आवेदनों के संबंध में कार्यवाही पूर्ण करने के उपरांत संबंधित नोडल अधिकारी उसका परीक्षण करेंगे और अंतिम निराकरण की कार्यवाही पर अपनी मुहर लगाएंगे. व्यवस्था यह होगी कि जिन विभागों या जिलों के द्वारा पंद्रह दिन के भीतर आवेदनों का सही तरीके से निराकरण नहीं किया जा रहा हो तो उसकी सूची स्वतः ही पोर्टल पर प्रदर्शित हो जाएगी. इतना ही नहीं साय सरकार ने आवेदकों को उसके आवेदन के निराकरण की जानकारी तथा निराकरण के बाद फीडबैक एवं अपील करने की सुविधा दिया जाना तय किया है, जिससे आवेदक के प्रकरणों के निराकरण की गुणवत्ता में वृद्धि हो सके.
जनता की समस्या का त्वरित निराकरण ही हमारा मकसद: सीएम साय
आम आदमी की दिक्कतों को तुरंत दूर करना ही हमारी सरकार का मकसद है. मुख्यमंत्री जन चौपाल पोर्टल पर आए आवेदनों का त्वरित निराकरण जनता के लिए राहत भरा होगा. इसी लिए मुख्यमंत्री जनचौपाल पोर्टल पर आवेदनों के संबंध में नोडल अफसर नियुक्त होंगे, जो पंद्रह दिन के भीतर आवेदनों का संतुष्टीदायक निराकरण करेंगे. संतुष्टि न होने पर आवेदक अपील भी कर सकेगा, जिसके लिए अपीलीय अधिकारी भी नियुक्त होंगे. अफसरों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी.