नईदिल्ली (ए)। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि अगर 2024 के चुनाव में नरेंद्र मोदी को सत्ता से बाहर नहीं किया गया तो संविधान खत्म हो जायेगा। सुश्री बनर्जी ने यहां चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए कहा, “हम दिल्ली जायेंगे और मनरेगा का काम फिर से शुरू करने के साथ-साथ एनआरसी-सीएए-यूसीसी को हटायेंगे। मैंने पहले कभी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसी ढीठ पार्टी नहीं देखी , जो अपने विरोधियों के प्रति न्यूनतम राजनीतिक शिष्टाचार भी न रखें। कभी-कभी वे कहते हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय अनुसूचित समुदाय का आरक्षण छीन लेगा। क्यों? हमारे अल्पसंख्यक भाई-बहन ऐसा कभी नहीं करेंगे।”
मिशन की हालिया घटना का जिक्र करते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा, “मैं रामकृष्ण मिशन के खिलाफ नहीं हूं। मैं किसी संस्था के खिलाफ कैसे हो सकती हूं या उनका अपमान कैसे कर सकती हूं? कुछ दिन पहले जब महाराज अस्वस्थ थे, मैं उनसे मिलने गयी थी। मैंने केवल एक या दो लोगों के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा , “भारत सेवाश्रम संघ का आश्रम गंगासागर में है। हमारे उनके साथ अच्छे संबंध हैं और मैं लोगों के लिए उनके काम की सराहना करती हूं। मैंने एक व्यक्ति (कार्तिक महाराज) का नाम लिया, जिन्होंने तृणमूल कांग्रेस के एजेंट को अनुमति नहीं दी थी। वह मतदान से दो दिन पहले मुर्शिदाबाद के रेजीनगर में हुई हिंसा के लिए भी जिम्मेदार थे। यही मैंने चिह्नित किया था। वह पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के साथ जुड़े थे और अब भाजपा के साथ हैं।
मुझे वहां उनके आश्रम का कोई विरोध नहीं है, लेकिन जब मैंने पूछा कि उस क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस के एजेंट क्यों नहीं थे, तो मुझे बताया गया कि कार्तिक महाराज ने कहा था कि वे वहां तृणमूल के एजेंटों को अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने वहां डेयरी व्यवसाय चलाने वाले कुछ लोगों को भी धमकाया।” उन्होंने कहा , “वह विभिन्न क्षेत्रों में धर्म के नाम पर भाजपा का काम कर रहे हैं। मुझे उनसे कोई दिक्कत नहीं है। वह भाजपा के लिए राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं, लेकिन उन्हें पर्दे के पीछे से नहीं बल्कि भाजपा का पार्टी चिन्ह अपने सीने पर लगाना चाहिए। यही मैंने कहा था और मैं इसके सबूत के बिना नहीं कुछ नहीं बोलती।