नईदिल्ली (ए)। मधुमेह, दर्द, दिल, लिवर, इन्फेक्शन व एलर्जी की दवाएं सस्ती हो गई हैं। केंद्र सरकार ने इनकी नई कीमतें तय कर दी हैं। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने 123वीं बैठक में 41 दवाओं तथा सात फॉर्मूलेशन की कीमतें घटाने का फैसला किया। इसके तहत अलग-अलग कंपनियों की दवाओं के खुदरा मूल्य तय किए गए। इनमें मल्टीविटामिन व एंटीबायोटिक दवाएं भी शामिल हैं। एनपीपीए ने बृहस्पतिवार को अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी। आमतौर पर इन्फेक्शन, एलर्जी के अलावा मल्टीविटामिन व एंटीबायोटिक दवाओं की कीमतें अधिक होती हैं। इससे सामान्य इलाज का खर्च भी अधिक हो जाता है। इसलिए दवाएं सस्ती होने से लोगों को राहत मिलेगी। फरवरी में एनपीपीए ने शुगर और बीपी सहित 69 दवाओं के दामों में संशोधन करते हुए नई कीमतें लागू की थीं, जिसमें 31 फॉर्मूलेशन वाली दवाएं भी हैं। आदेश में विटामिन डी3, पेंटाप्राजोल, टेल्मिसर्टन, आइसोनियाजिड के अलावा मेटफॉर्मिन, सीटाग्लिप्टिन, बिसोप्रोलोल जैसी दवाएं और फॉर्मूलेशन शामिल हैं।
30 करोड़ से ज्यादा लोगों को मिलेगी राहत
देश में 10 करोड़ से ज्यादा शुगर और आठ करोड़ से ज्यादा लोग बीपी से ग्रस्त हैं। इनके अलावा गैस, विटामिन डी या फिर अन्य विटामिन की कमी से इनकी दवाओं का कारोबार भी हर साल तेजी से बढ़ रहा है। अनुमान के मुताबिक, एनपीपीए के इस फैसले से 30 करोड़ से ज्यादा लोगों को सीधे तौर पर राहत मिलेगी। थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर किया संशोधन
एनपीपीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दवाओं को लेकर सीमा मूल्य और खुदरा मूल्य में यह संशोधन थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर तय हुआ है। इसके तहत हाल ही में कोरोनरी स्टेंट की कीमत में बदलाव किया गया था। वर्ष 2013 में थोक मूल्य सूचकांक में 0.00551 फीसदी की वृद्धि हुई। उन्होंने यह भी बताया कि दवा और चिकित्सा उपकरणों की मूल्य निर्धारण सुधारों की देखरेख के लिए जिम्मेदार समिति के विस्तार का फैसला भी लिया है। सरकार पहली बार इस समिति में उद्योग क्षेत्र के प्रतिनिधियों को भी शामिल करेगी।