बिलासपुर। जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की भीड़ और उनके रहने की अमानवीय परिस्थितियों को लेकर पेश जनहित याचिकाओं पर मुख्य सचिव ने हाईकोर्ट में शपथपत्र पेश कर दिया है। बेमेतरा की खुली जेल के जुलाई में पूरा होने का लिखित बयान दिया गया है। इसके कारण डिवीजन बेंच ने जुलाई में अगली सुनवाई निर्धारित कर दी है। मुख्य सचिव ने जो शपथ पत्र पेश किया उसमें बताया कि, रायपुर और बिलासपुर में विशेष जेलें बनाई जा रहीं हैं। रायपुर में 4000 और बिलासपुर में 1500 बंदियों को रखा जा सकेगा। इसके अलावा बेमेतरा में 200 कि क्षमता के साथ एक खुली जेल का काम जोरों पर चल रहा है। जुलाई माह में यह पूरा हो जायेगा। यह जानकारी आने पर कोर्ट नेइससे पूर्व अधिवक्ता शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों को लेकर एक जनहित याचिका दायर की थी इसके कुछ समय बाद इनके लिए जेलों में अमानवीय परिस्थितियों को लेकर भी एक पीआईएल लगाई गई। इस बीच हाईकोर्ट के संज्ञान में भी अन्य माध्यमों से यह बात आई कि जेलों में कैदियों की स्थिति अच्छी नहीं है। इसे अदालत ने स्वयं एक पत्र याचिका के तौर पर स्वीकार किया। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में एक साथ सुनवाई शुरू कर ,इसमें अधिवक्ता रणवीर मरहास को न्यायमित्र नियुक्त किया। लगातार चल रही सुनवाई में पहले शासन ने बताया था कि, जेलों में कैदियों के स्वास्थ्य व अन्य सुविधाओं को लेकर काम किया जा रहा है। मामले में जुलाई माह में ही अगली सुनवाई तय कर दी है।
जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों का मामला, जनहित याचिकाओं पर मुख्य सचिव ने HC में पेश किया शपथपत्र
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