Chaitra Navratri 2024 : जगतजननी मां दुर्गा के नौ दिनों की शुरुआत मंगलवार 9 अप्रैल से हो गई है. नवरात्रि के पहले दिन माता दुर्गा के प्रथम स्वरूप माता शैलपुत्री का पूजन किया जाता है. यह मां का सौम्य स्वरूप है. माता के इस स्वरूप का पूजन करने से सुख और समृद्धि प्राप्त होती है.
नवरात्रि की शुरुआत से ही लोग माता दुर्गा को अपने घरों में विराजमान करते हैं. इसके साथ ही कलश स्थापना भी करते हैं और अखंड ज्योति भी जलाते हैं. साल 2024 की चैत्र नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार से हुई है. इस कारण माता घोड़े पर सवार होकर आई हैं. नवरात्रि के पहले दिन माता के स्वरूप शैलपुत्री का पूजन किया जाता है.
ऐसा है मां शैलपुत्री का स्वरूप
मां शैलपुत्री माता आदिशक्ति के नौ रूपों में से एक हैं. मां श्वेत वस्त्र धारण करती है और बैल की सवारी करती हैं. इसके साथ ही मां के दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल होता है. मां का यह स्वरूप करुणा, सौम्य, स्नेह और धैर्य को प्रदर्शित करता है. माता के इस स्वरूप का पूजन करने से धन, यश और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
ऐसे करें मां का पूजन
सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें. इसके बाद माता का ध्यान करें और लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर मां को स्थापित करें. इसके साथ ही मां को कुमकुम का तिलक लगाएं और उनको अक्षत अर्पित करें.
इसके साथ ही अखंड ज्योति जलाएं और कलश स्थापित करें. माता का ध्यान करें व दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. माता को सफेद फूल और सफेद मिठाई अर्पित करें. इसके साथ ही उनको सिंदूर, धूप, दीप, फल, घी, शहद भी अर्पित करें. इसके बाद उनके इस ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:’ मंत्र का 108 बार जाप करें. माता को घी का भोग लगाया जाता है. अंत में आरती करें और क्षमा याचना भी कर लें.