Home देश-दुनिया राहुल गांधी का ऐलान- सरकार बनी तो इन वर्ग की महिलाओं को सालाना एक-एक लाख रुपए मिलेंगे

राहुल गांधी का ऐलान- सरकार बनी तो इन वर्ग की महिलाओं को सालाना एक-एक लाख रुपए मिलेंगे

by admin

नई दिल्ली(ए)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को आगामी लोकसभा चुनाव जीतने का भरोसा जताया और कहा कि नई सरकार अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की महिलाओं के बैंक खाते में सालाना एक लाख रुपये अंतरित करेगी। मंडला लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा सिवनी जिले के धनोरा में एक रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने बेरोजगार युवाओं को गारंटीकृत प्रशिक्षण प्रदान करने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “हमारे घोषणापत्र में हमारे द्वारा उठाए जाने वाले तीन से चार क्रांतिकारी कदमों का उल्लेख है जैसे कि एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग की महिलाओं और गरीब परिवारों की महिलाओं के बैंक खातों में एक-एक लाख रुपये हर साल अंतरित करना। इस तरह हम हर महीने उनके खातों के जरिए उन्हें हजारों रुपए प्रदान करेंगे।” कांग्रेस ने मंडला सीट से मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के खिलाफ पूर्व मंत्री और विधायक ओमकार सिंह मरकाम को मैदान में उतारा है। गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भुगतान की जाने वाली राशि को दोगुना करने का भी वादा किया है। पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए एक नया कानून भी लाएंगे कि देश के प्रत्येक बेरोजगार युवा को सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में एक साल की प्रशिक्षुता (अप्रेंटिसशिप) मिलेगी जिस दौरान उन्हें भत्ते के रूप में एक लाख रुपये मिलेंगे।” उन्होंने कहा कि अप्रेंटिसशिप (प्रशिक्षण) पूरी करने के बाद अच्छा प्रदर्शन करने पर उन्हें उसी स्थान पर नौकरी मिल जाएगी। गांधी ने कहा, ‘‘केंद्र में सरकार बनाने के बाद हम रोजगार में ठेकेदारी प्रथा खत्म करेंगे और सरकारी क्षेत्र में 30 लाख रिक्तियां भरेंगे।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए एक कानून बनाएगी कि किसानों को उनकी फसलों के लिए पर्याप्त न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिले जिसके लिए किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं।गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा जानबूझकर आदिवासियों को उनकी जमीन से उखाड़ने और जल, जंगल और जमीन पर उनका पहला अधिकार छीनने के मकसद से उन्हें ‘आदिवासी’ कहने के बजाय ‘वनवासी’ कह रही है। उन्होंने कहा, ‘‘वे उनकी (आदिवासियों की) जमीन उद्योगपतियों को देना चाहते हैं।”

Share with your Friends

Related Posts