नईदिल्ली (ए)। माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी को बृहस्पतिवार को तबीयत बिगड़ने के बाद जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। लेकिन आज जिस मुख्तार अंसारी को यूपी के टॉप माफियाओं में गिना जाता था, जिस मुख्तार अंसारी के खिलाफ लगभग हर तरह का आपराधिक मुकदमा दर्ज था, उस माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का परिवार बेहद नामी और बेहद प्रतिष्ठित हुआ करता था। लेकिन मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा मिल चुकी थी, उसके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज थे।
पूर्वांचल का सबसे प्रतिष्ठित रहा परिवार
उत्तर प्रदेश के मऊ से कई बार विधायक रह चुके मुख्तार अंसारी को विभिन्न मामलों में सजा सुनाई गई है और वह बांदा की जेल में बंद था। मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली और कई अन्य राज्यों में लगभग 60 से ज्यादा मामले लंबित थे। मुख्तार अंसारी भले ही अपराध की दुनिया में डॉन बन चुका था लेकिन उसके परिवार बेहद बेहद प्रतिष्ठित और राजनीतिक हुआ करता था। मुख्तार अंसारी के परिवार का इतिहास काफी गौरवशाली है। अंसारी खानदान ने कभी जो इज्जत कमाई थी, वह शायद ही पूर्वांचल के किसी खानदान की कभी रही हो।
कांग्रेस अध्यक्ष और गांधी जी के करीबी थे दादा
बता दें कि बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के दादा का नाम डॉ मुख्तार अहमद अंसारी था जो स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं। दादा मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान 1926-27 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे थे। इतना ही नहीं माफिया के दादा महात्मा गांधी जी के बेहद करीबी भी माने जाते थे। मुख्तार अंसारी के दादा कितने सम्मानित हस्ति थे, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनकी याद में दिल्ली में एक रोड का नाम भी रखा गया है।
नौशेरा जंग में देश के लिए शहीद हुए नाना
ना केवल मुख्तार अंसारी के दादा, बल्कि उसके नाना भी देश के हीरो रहे हैं। मुख्तार अंसारी के नाना महावीर चक्र विजेता हैं। बता दें कि ब्रिगेडियर उस्मान, मुख्तार अंसारी के नाना थे। ब्रिगेडियर उस्मान 1947 की नौशेरा जंग के हीरो रहे हैं। मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर उस्मान ने भारतीय सेना की तरफ से नवशेरा की लड़ाई में हिंदुस्तान को जीत दिलाई थी। इतना ही नहीं ब्रिगेडियर उस्मान इस जंग में देश के लिए शहीद भी हो गए थे।
चाचा रहे उपराष्ट्रपति, पिता भी नेता
इसके बाद अंसारी खानदान की इतनी प्रतिष्ठित विरासत को मुख्तार के पिता सुब्हानउल्लाह अंसारी ने आगे बढ़ाया। सुब्हानउल्लाह अंसारी कम्यूनिस्ट नेता रहे हैं। अपने राजनातिक करियर में उनकी साफ सुथरी छवि रही है, जिसके चलते सुब्हानउल्लाह अंसारी को 1971 के नगर पालिका चुनाव में निर्विरोध चुना गया था। इतना ही नहीं भारत के पिछले उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, माफिया मुख्तार अंसारी के चाचा लगते हैं।
माफिया के बेटे ने देश के लिए जीते मेडल
अंसारी खानदान की प्रतिष्ठा पर जहां एक ओर मुख्तार गहरे दाग लगा रहा था, वहीं उसका ही बेटा पूर्वांचल का सबसे प्रतिष्ठित परिवार की शाख वापस बनाने लगा। बता दें कि मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी शॉट गन शूटिंग का इंटरनेशनल खिलाड़ी है। दुनिया के टॉप टेन शूटरों में शुमार अब्बास न सिर्फ नेशनल चैंपियन रह चुका है। बल्कि दुनियाभर में कई पदक जीतकर देश का नाम रौशन कर चुका है। लेकिन पिता मुख्तार अंसारी के कर्मों की सजा अब वो भी भुगत रहा है। मुख्तार के बेटे अब्बास को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था।